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गणेश-लक्ष्मी ने बरसाई कृपा, जगमगाए घर-द्वार

कानपुर देहात, जागरण संवाददाता : दीपावली के पावन पर्व पर गुरुवार देर शाम घर व मंदिर दीपमाला से जगमगा

By Edited By: Published: Thu, 23 Oct 2014 09:18 PM (IST)Updated: Thu, 23 Oct 2014 09:18 PM (IST)
गणेश-लक्ष्मी ने बरसाई कृपा, जगमगाए घर-द्वार

कानपुर देहात, जागरण संवाददाता : दीपावली के पावन पर्व पर गुरुवार देर शाम घर व मंदिर दीपमाला से जगमगा उठे। शुभ मुहुर्त में गणेश-लक्ष्मी का पूजन कर लोगों ने सुख समृद्धि की कामना की। बच्चों ने फुलझड़ी, अनार व पटाखों की झड़ी लगाकर खुशियां जतायी।

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कार्तिक आमावस्या के दिन मनाया जाने वाला दीपावली का पर्व सुख, समृद्धि व वैभव का प्रतीक है। इस दिन लक्ष्मी-गणेश की पूजा व घरों को प्रकाश से भरने का खास महत्व है। लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद इसी दिन प्रभु श्रीराम, माता सीता व लक्ष्मण चौदह साल के वनवास के बाद अयोध्या वापस आये थे। श्रीराम के आगमन की खुशी में अयोध्या के लोगों ने दीपों को जलाकर काली अमावस की रात में दिन जैसा उजाला कर दिया था। वहीं दूसरी ओर मान्यता है कि कार्तिक मास की अमावस पर गणेश-लक्ष्मी का पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि और धन-वैभव का वास होता है। गुरुवार को जनपद में दीपावली का पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया। जगह-जगह दीप जलने से फैला अंधियारा मिट गया। श्रद्धालुओं ने पूजन कर विपत्तियों से रक्षा व समृद्धि की कामना की। शाम ढलते ही कस्बों व गांवों में मंदिर व घर रंगीन झालरों व दीपकों से जगमगा उठे। जगह-जगह सजाई गयी दीपमाला उल्लास भरती रही। बच्चों ने देर रात तक फुलझड़ी, अनार, महताब व पटाखे जलाये, वहीं आतिशबाजी से आसमान रंगीन हो गया। आचार्य सूबेदार शास्त्री ने कहा कि प्रकाश पर्व न सिर्फ धार्मिक बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक है। लोगों को इस त्योहार पर बुराइयों को छोड़ अच्छाइयों का दिया जलाने का संकल्प लेना चाहिए।


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