.. और मुकदमा दर्ज होने के बाद पीडि़ता से हुआ विवाह
शिवली,संवाद सूत्र: शादी का झांसा देकर कस्बे के एक युवक द्वारा दुष्कर्म करने के मामले में तकीपुर चौबेपुर की पीड़िता द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद मामले में नया मोड आ गया। खुद को कानूनी शिकंजे में फंसता देख आरोपी के परिजन पीड़िता से विवाह के लिए तैयार हो गए। इसके बाद शिवराजपुर क्षेत्र के एक मंदिर में दोनों के परिजनों ने आपसी सहमति के बाद उनका विवाह करा दिया।
बताते चले कि चौबेपुर थाना क्षेत्र के तकीपुर गांव की रहने वाली तथा बैरी सवाई स्थित एक विद्यालय की इंटर मीडिएट की छात्रा ने शिवली में रहने वाले दूर के रिश्तेदार राम गोपाल के पुत्र शिवम उर्फ मोनू पर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने तथा बाद में शादी से इंकार करने का आरोप लगा गत 22 जुलाई को मुकदमा दर्ज कराया था। उसने आरोपी पर उसे प्रेमजाल में फंसाने के बाद 26 फरवरी 14 को कालेज से बाइक द्वारा अपने साथ लाने के बाद सीएचसी शिवली के पास स्थित बेलाबाग में दुष्कर्म करने की बात कही थी। घटना की जानकारी पर पीड़िता की मां ने मोनू व उसके परिजनों पर शादी का दबाव बनाया, लेकिन वह लोग इस पर सहमत नहीं हुए थे। पीड़िता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज होने के बाद आरोपी व उसके परिजन गले में कानूनी फंदा कसता देख शादी के लिए सहमत हो गए। इतना ही नहीं दोनों के परिजनों ने मुहूर्त का इंतजार किए बिना आंटी शिवराजपुर स्थित हनुमान मंदिर में जाकर शादी कर ली। कोतवाल एके सिंह ने बताया कि पीड़िता व आरोपी के परिजनों द्वारा आपसी सहमति के बाद शादी करने की लोगों से जानकारी मिली है। अभी इस बावत परिजनों ने कोई सूचना नहीं दी है।
शादी के बाद फंसा बाल विवाह अधिनियम का पेंच
कानपुर देहात: चौबेपुर थाना क्षेत्र के तकीपुर गांव की पीड़िता ने रिपोर्ट दर्ज कराते समय खुद को इंटर की छात्रा बताया था। जबकि साथ आयी पीड़िता की मां ने उसकी उम्र 17 साल बताई थी। इस पर पुलिस ने झांसा देकर दुष्कर्म करने की धारा के साथ ही बाल लैंगिक अपराध संरक्षण अधिनियम (पास्को)के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे डॉक्टरी परीक्षण के लिए भिजवाया था। लेकिन मुकदमे के बाद आरोपी व पीड़िता की शादी के बाद बाल विवाह कानून का पेंच फंसता दिख रहा है। इंस्पेक्टर शिवली एके सिंह ने बताया कि इस बावत अभी कोई भी लिखित जानकारी उन्हें नहीं दी गई है। दोनों की सहमति संबंधी अभिलेख आने पर छानबीन के बाद अग्रिम कार्रवाई होगी।