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दिल से लगा लिया कलेजे का टुकड़ा

जागरण संवाददाता, कानपुर : तीन माह से बिछड़े कलेजे के टुकड़े को चाइल्ड लाइन में मां ने जै

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Aug 2017 01:26 AM (IST)Updated: Fri, 18 Aug 2017 01:26 AM (IST)
दिल से लगा लिया कलेजे का टुकड़ा

जागरण संवाददाता, कानपुर : तीन माह से बिछड़े कलेजे के टुकड़े को चाइल्ड लाइन में मां ने जैसे ही देखा दिल से लगा लिया। उसे जहां छोटे बेटे के मिलने की खुशी थी वहीं बड़े बेटे का पता न चलने का गम भी था। फिलहाल पुलिस टीम के साथ मां अपने बेटे को लेकर महाराष्ट्र रवाना हो गई। बड़ा बेटे निलेश को प्रधान मंत्री से राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार मिल चुका है।

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महाराष्ट्र के मुक्तई नगर थाने से पुलिस टीम के साथ चाइल्ड लाइन पहुंची मां सुंदरबाई ने बताया कि उनका सात वर्षीय बेटा गनपत और बारह वर्षीय बेटा निलेश स्कूल जाने के लिए 19 मई को घर से निकले थे। दोपहर को जब दोनों घर नहीं पहुंचे तो ढूंढने निकले। दोनों ट्रेन में बैठकर यहां आ गए। बेटे को छाती से लगाए मां ने बताया कि दोनों पति-पत्‍‌नी महाराष्ट्र में मजदूरी करते हैं। गनपत के मिलने से बड़े बेटे निलेश के मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। उन्होंने तो आशा ही छोड़ दी थी। चाइल्ड लाइन के समन्वयक विनय कुमार ओझा ने बताया कि बच्चे को बाल कल्याण समिति के सामने पेश करने के बाद मां को सौंप दिया गया। विनय ने बताया कि प्रधानमंत्री से राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार विजेता निलेश की खोजबीन की जा रही है।

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इस तरह हुई खोज

-बालक गनपत द्वारा बताए गए कोथली गांव की कार्यकर्ता रिचा तिवारी ने हाजीपुर, उन्नाव और महाराष्ट्र में खोज शुरू की

-सब जगह बच्चे की डिटेल दी गई लेकिन पता नहीं चला

-16 अगस्त 2017 को डीजी आफिस कोल्हापुर से मुक्तई नगर थाने में कोथली गांव की जानकारी हुई तब लापता बच्चों के परिजनों की जानकारी हुई


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