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शहर आकर गायब हो गया बहादुरी पुरस्कार विजेता

जागरण संवाददाता, कानपुर : प्रधानमंत्री के हाथों से दो वर्ष पूर्व नेशनल ब्रेवरी अवार्ड पाने वाला कि

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Aug 2017 03:00 AM (IST)Updated: Thu, 17 Aug 2017 03:00 AM (IST)
शहर आकर गायब हो गया बहादुरी पुरस्कार विजेता
शहर आकर गायब हो गया बहादुरी पुरस्कार विजेता

जागरण संवाददाता, कानपुर : प्रधानमंत्री के हाथों से दो वर्ष पूर्व नेशनल ब्रेवरी अवार्ड पाने वाला किशोर शहर में आकर गायब हो गया। इसका खुलासा तब हुआ जब चाइल्ड लाइन के कार्यकर्ताओं ने महाराष्ट्र पुलिस से संपर्क किया। इस बहादुर किशोर का छोटा भाई करीब एक माह से चाइल्ड लाइन की पनाह में है।

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जीआरपी ने 24 जुलाई 2017 को रेलवे स्टेशन पर सात वर्षीय बालक गणपत रेवाराम को पकड़कर चाइल्ड लाइन के सिपुर्द किया था। संस्था के कार्यकर्ताओं ने बच्चे की काउंसिलिंग की तो पता चला उसके बड़े भाई 12 वर्षीय नीलेश रेवाराम को कबाड़ बीनते वक्त पुलिस ने पकड़ लिया और चोरी के आरोप में जेल भेज दिया। इसके बाद कार्यकर्ताओं ने जीआरपी, आरपीएफ और कई थाना पुलिस से संपर्क किया पर कहीं कोई जानकारी नहीं मिली। बच्चे ने बताया कि वह कोथुली (महाराष्ट्र) का रहने वाला है जिसके बाद उसके घर की खोजबीन शुरू हुई। देश भर के कई हिस्सों में पड़ताल के बाद चाइल्ड लाइन को सफलता हाथ लगी। वायरलेस पर महाराष्ट्र के मुक्तई नगर थाने ने रिस्पांस दिया। कार्यकर्ताओं को महाराष्ट्र पुलिस ने बताया कि इन बच्चों को खोजने में पूरी टीम दिन रात किए हुए हैं। पुलिस ने ही नीलेश रेवाराम के अवार्ड विजेता होने की जानकारी दी। थाने से एसआइ वंदना के नेतृत्व में एक टीम शहर के लिए निकल चुकी है।

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बिना बताए ट्रेन में बैठ गए थे

गणपत ने चाइल्ड लाइन के काउंसलर को बताया कि वह बड़े भाई के साथ ट्रेन में बैठ गया था जिसके बाद यहां आ गया। कुछ लोगों ने कूड़ा बीनने के काम में लगा दिया तो दोनों भाई यही काम करने लगे।

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इस बहादुरी का मिला अवार्ड

मुक्तई नगर थाने की एसआइ वंदना के मुताबिक कोथुली गांव में आई भीषण बाढ़ के दौरान एक बच्चा पानी में बह गया था। नीलेश ने अपनी जान पर खेलकर उसे बचाया था। इसी बहादुरी के लिए उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल ब्रेवरी अवार्ड से सम्मानित किया था।

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कहां गया नीलेश

चाइल्ड लाइन के निदेशक कमलकांत तिवारी बताते हैं कि अवार्ड विजेता नीलेश को लेकर हमारी टीम सक्रिय हैं। उसकी खोजबीन के लिए हर थाने में संपर्क किया जा रहा है। महाराष्ट्र पुलिस की एक टीम परिजनों के साथ आ रही है। गणपत उन्हें सौंप दिया जाएगा।


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