Next President: वक्त बदला, गांव और शहर बदला लेकिन नहीं बदले रामनाथ कोविंद
कानपुर देहात के परौंख गांव के रामनाथ कोविंद को पूरा देश अब महामहिम कहेगा। कोविंद फर्श से अर्श पर पहुंचे लेकिन वह खुद जरा भी नहीं बदले।
कानपुर (जेएनएन)। परौंख गांव के रामनाथ को अब पूरा देश अदब से महामहिम रामनाथ कोविंद कहेगा। एक गरीब परिवार में जन्मे किसी शख्स के लिए इससे बड़ी सफलता क्या हो सकती है। जिंदगी बदली और कोविंद फर्श से अर्श पर पहुंच गए लेकिन, वह खुद जरा भी नहीं बदले। इस बड़ी उपलब्धि के बाद भी कोविंद की सरलता देखकर दिल्ली से लौटे कार्यकर्ता अभिभूत हैं। रामनाथ कोविंद कानपुर देहात और कानपुर नगर में राजनीति और सेवा कार्यों में सक्रिय रहे। लोगों से गर्मजोशी से मिलना, किसी भी कार्यकर्ता की मदद को खड़े रहना उनके व्यक्तित्व की खासियत है। वह बिहार के राज्यपाल बनने के बाद भी दो बार कानपुर आए लेकिन, उनके आसपास रहने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं को उन्होंने पहले की तरह ही तरजीह दी। अब रामनाथ कोविंद देश के राष्ट्रपति निर्वाचित हो गए हैं। गुरुवार को उनके दयानंद विहार आवास पर कार्यकर्ता जश्न में डूबे थे।
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कानपुर में हमेशा उनके हमसाया की तरह रहे आनंद वर्मा ने बताया कि राजग की ओर से रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद बधाई देने के लिए वह अपने साथी शिवप्रकाश सोनकर, विजय यादव, रमेश यादव आदि के साथ दस-अकबर रोड, नई दिल्ली पहुंचे। सुरक्षा कारणों से प्रवेश में जरूर थोड़ा वक्त लगा लेकिन अंदर पहुंचते ही दिल गदगद हो गया। उन्होंने बताया कि रामनाथ कोविंद ने सभी को नाम से पुकारा। पास बुलाकर मिले, बधाई स्वीकार कर कानपुर के अन्य कार्यकर्ताओं की कुशलक्षेम पूछी। एक घंटे तक बतियाते रहे। फिर आखिर में गेट तक हमें छोडऩे भी आए। यह सरलता तब भी बरकरार रहना बड़ी बात है, जब उनका जीतना तो उम्मीदवारी की घोषणा के साथ ही लगभग तय हो चुका था।
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कानपुर में किराए पर रहे थे कोविंद
रामनाथ कोविंद का जन्म कानपुर देहात के गांव परौंख में हुआ। उनका कार्यक्षेत्र दिल्ली होने के बावजूद कानपुर में आना-जाना बना रहता। इसी के चलते उन्होंने वर्ष 1990 में क्राइस्ट चर्च कॉलेज के भौतिकी विभागाध्यक्ष डॉ. एएन दीक्षित के कल्याणपुर के न्यू आदर्श नगर स्थित मकान में किराए पर दो कमरों का घर लिया। डॉ. दीक्षित के पुत्र केएन दीक्षित ने बताया कि अंकल (रामनाथ कोविंद) वर्ष 2009 तक उनके मकान में रहे। वह जब भी कानपुर आते तो कुछ कार्यकर्ता भी आ जाते थे। कभी-कभार उनका परिवार भी आता था। यहीं रहते हुए उन्होंने कल्यानपुर के दयानंद विहार में मकान बनवाया। कोविंद के राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर उनके पुराने मकान मालिक के परिवार में भी सब खुशी से फूले नहीं समा रहे।
तस्वीरों में देखें-रामनाथ कोविंद के निर्वाचन पर उत्साह की हिलोरें