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डाक्टरों का कौशल निखारेगी सूच¨रग एंड नॉटिंग कार्यशाला

जागरण संवाददाता, कानपुर : जीएसवीएम कालेज के कैडेवरिक लैब में डाक्टरों के कौशल को निखारा जाएगा। उनके

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Feb 2017 11:13 PM (IST)Updated: Sat, 25 Feb 2017 11:13 PM (IST)
डाक्टरों का कौशल निखारेगी सूच¨रग एंड नॉटिंग कार्यशाला
डाक्टरों का कौशल निखारेगी सूच¨रग एंड नॉटिंग कार्यशाला

जागरण संवाददाता, कानपुर : जीएसवीएम कालेज के कैडेवरिक लैब में डाक्टरों के कौशल को निखारा जाएगा। उनके लिए 28 फरवरी को कैडेवरिक स्किल कोर्स इन सूच¨रग एंव नॉटिंग कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इसमें विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न प्रकार की सर्जरी में उपयोग होने वाली नवीन तकनीक, लेप्रोस्कोप से गांठ बांधने, टांका लगाने की टेक्नोलाजी, माइक्रोस्कोप की मदद से वैशल्स एवं नर्व को सूच¨रग करने के बारे में जानकारी दी जाएगी। जीएसवीएम कालेज के प्रधानाचार्य एवं डीन डा. नवनीत कुमार ने बताया कि कैडेवरिक लैब एम्स, बेंगलुरु के रमैया मेडिकल कालेज, पांडिचेरी के जिपमर कालेज में है। प्रदेश में पहली बार जीएसवीएम कालेज में विकसित लैब बनी है। राज्य के कई कालेजों के डाक्टर, जूनियर डाक्टर स्पेशिएलिटी सीख सकेंगे। एसआईसी डा.आरसी गुप्ता ने बताया कि कार्यशाला के बाद छात्रों को प्रमाणपत्र दिए जाएंगे। इस मौके पर न्यूरो सर्जन डा.मनीष सिंह, डा. सुनीति राज मिश्रा, डा. संजय काला आदि उपस्थित रहे।

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घटता जा रहा शिक्षा का स्तर

प्राचार्य के मुताबिक मेडिकल कालेजों में शिक्षा का स्तर घटता जा रहा है। ऐसी कार्यशाला से शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाई जा रही है। देश में 1700 लोगों पर एक डाक्टर मौजूद है, जबकि एक हजार पर एक चिकित्सक होना चाहिए। जनसंख्या के आधार पर 7-8 लाख डाक्टरों की जरूरत है। पीजी सीटें बढ़ाई जा रही हैं।


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