नैनो मेडिसिन से अंगों को बिना नुकसान रोगों का सफाया
जागरण संवाददाता, कानपुर : मरीजों को दी जाने वाली एंटीबायोटिक उसके एक मर्ज को तो दूर कर देती हैं लेकि
जागरण संवाददाता, कानपुर : मरीजों को दी जाने वाली एंटीबायोटिक उसके एक मर्ज को तो दूर कर देती हैं लेकिन इसके साथ किडनी व लिवर जैसे अंगों पर दुष्प्रभाव डालती हैं लेकिन वैज्ञानिकों ने ऐसी नैनो मेडिसिन खोज निकाली है, जो केवल उसी भाग पर अपना काम करेगी जहां संक्रमण होगा। दूसरे अंग पर उसका प्रभाव नहीं पड़ेगा। टारगेटेड मेडिसिन को और प्रभावी बनाने के लिए यूएसए व यूके समेत अन्य विकसित देशों में काम चल रहा है।
डीएवी डिग्री कालेज में शनिवार को नैनो साइंस विषय पर आयोजित सेमिनार के दौरान यह बात सामने आई। संक्रमण खत्म करने के लिए यह मेडिसिन नैनो ट्यूब के जरिए शरीर में भेजी जाती है। यह नैनो ट्यूब इतनी सूक्ष्म व मेडिसिन की मात्रा इतनी कम होती है कि इसका असर अंगों पर बहुत सीमित रहता है। कैंसर व अल्सर जैसे रोगों में यह टारगेटेड मेडिसिन काफी कारगर है। विदेशों के शोध केंद्रों में इसके प्रयोग सफल रहे हैं। इसके अंतर्गत नैनो कैप्सूल विकसित किया जा रहा है जिसमें भरी दवा शरीर में नैनो ट्यूब के जरिए पहुंचाई जाती है।
क्या है नैनो मेडिसिन :
नैनो टेक्नोलाजी व मेडिसिन का विलय नैनो मेडिसिन है। मेडिसिन में इस्तेमाल किए जाने वाले नैनो उपकरणों का आकार 1 से 100 नैनोमीटर के करीब होता है। यह मेडिसिन, इंजीनियरी, भौतिक शास्त्र, रसायनशास्त्र, जीव विज्ञान, कंप्यूटर विज्ञान व पदार्थ विज्ञान का मिश्रण है।
ईधन की खपत कम करेंगे नैनो मैटीेरियल :
पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी के एप्लाइड साइंस विभाग के डीन प्रो. एके त्यागी के अनुसार चिकित्सा क्षेत्र के अलावा मैकेनिकल इंजीनिय¨रग में भी इसका जबरदस्त इस्तेमाल हो रहा है। लगातार कम हो रहे ईधन की चिंता को नैनो टेक खत्म कर सकती है। इससे बनने वाले उपकरण इतने सूक्ष्म मैटल से बनेंगे जिनमें अपार क्षमता होगी लेकिन ईधन कम खर्च होगा। इस तकनीक से आलपिन की नोक पर ट्रांजिस्टर लगाया जा सकता है।
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न नोटेक के पोस्टर में दिखाई भविष्य की झलक :
डीएवी डिग्री कालेज में नैनो साइंस विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में छात्र-छात्राओं ने इस पर आधारित पोस्टर बनाकर भविष्य की झलक दिखाई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उप्र लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अनिरुद्ध सिंह यादव रहे। इस दौरान एचबीटीयू कुलपति प्रो. एमजेड खान, प्राचार्य प्रो. एनएन वर्मा, आइआइटी धनबाद से आए प्रो. पंकज सिंह ने भी विचार व्यक्त किए।