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लैला मैं लैला से मशहूर हुईं पावनी बोलीं-संगीत सीखने के साथ लुक पर भी ध्यान देना जरूरी Kanpur News

गायिका पावनी पांडेय ने कहा बनारस की हूं इसलिए उत्तर प्रदेश की संस्कृति रची बसी है।

By AbhishekEdited By: Published: Mon, 21 Oct 2019 01:41 PM (IST)Updated: Mon, 21 Oct 2019 05:26 PM (IST)
लैला मैं लैला से मशहूर हुईं पावनी बोलीं-संगीत सीखने के साथ लुक पर भी ध्यान देना जरूरी Kanpur News
लैला मैं लैला से मशहूर हुईं पावनी बोलीं-संगीत सीखने के साथ लुक पर भी ध्यान देना जरूरी Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। शाहरुख खान की फिल्म 'रईस' के गीत 'लैला मैं लैला' से श्रोताओं के दिलों को छूने वाली पावनी पांडेय ने कहा है कि समय के साथ वह अपनी स्टाइल बदल रही हैं। संगीत का रियाज करने के साथ अपने लुक पर भी ध्यान दे रही हैं। अब वह खुद के लिखे गीतों को आवाज देंगी और दो महीने के अंदर उनके लिखे गीतों का एल्बम लोग सुन सकेंगे।

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आइआइटी के सांस्कृतिक महोत्सव अंतराग्नि में पावनी पांडेय गायन व वादन प्रतियोगिता 'अंतराग्नि आइडल' व 'म्यूजिक कॉम्पिटिशन' का निर्णय करने के लिए आईं थीं। लैला ओ लैला के अलावा 'स्वीटी तेरा ड्रामा', 'साहिबा' व 'तेरी यादों में' व 'झूम बराबर झूम' जैसे गीतों को अपनी आवाज देने वाली पावनी ने बताया कि गायन के क्षेत्र में अपना भविष्य तलाशने वालों को अब संगीत सीखने व रियाज करने के साथ अपने लुक पर भी ध्यान देना जरूरी है। अब समय बदल चुका है। स्टेज शो का जमाना है। स्टेज परफॉर्मेंस की बात करें तो कोई भी गायक व गायिका अब अभिनेता व अभिनेत्री से कम नहीं लगते हैं। उन्होंने बताया कि वह बनारस की हैं इसलिए उत्तर प्रदेश से बेहद लगाव है। यहां की संस्कृति उनके अंदर रची बसी है।


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