नमामि गंगे को दिए मात्र साढ़े तीन मिनट
जागरण संवाददाता, कानपुर : शासन के दूत बनकर कानपुर आए प्रमुख सचिव मुकुल सिंघल शहर को कि
जागरण संवाददाता, कानपुर : शासन के दूत बनकर कानपुर आए प्रमुख सचिव मुकुल सिंघल शहर को कितना जान-समझकर गए हैं, यह वह खुद ही जानें। उनका अंदाज देखने वाले तो सिर खुजला रहे हैं। दो दिन का पर्याप्त वक्त लेकर आए, फिर भी गुरुवार को दौरा 'तूफानी' ही किया। शहर के नोडल अधिकारी शायद इतनी जल्दबाजी में थे कि हकीकत टटोलने के लिए उनकी कोशिश नहीं दिखी। उर्सला और कार्डियोलॉजी में कुछ वक्त दिया तो तमाम खामियां सामने आ गई। मगर, सरसैया घाट पर नमामि गंगे मिशन की समीक्षा को मात्र साढ़े तीन मिनट दिए। ओडीएफ गांव ईश्वरीगंज में कुछ जरूर दिया। मगर, सांसद आदर्श गांव सिंहपुर में तो परेशान ग्रामीण अपनी बात ही उनसे न कह सके।
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प्रमुख सचिव वक्त देते तो बहुत पोल खोलते ग्रामीण
सांसद आदर्श गांव में ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठी थी। प्रमुख सचिव मुकुल सिंघल, जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह और मुख्य विकास अधिकारी अरुण कुमार का काफिला पहुंचा। डीएम ने माइक थामते ही पूछना शुरू किया-गांव में शौचालय बन गए? सफाई होती है? राशन सही मिलता है? मंच के दायें वह लोग खड़े थे, जिन्होंने कुर्सी-कनात का इंतजाम किया था। वही जवाब देते रहे- साहब यहां सब सही चल रहा है। उन्होंने ही सिंहपुर नाला न बनने से परेशानी की बात कही। इस पर डीएम ने अधीनस्थों को आदेश दिए कि जिसने भी जमीन पर अतिक्रमण कर मकान बनाए हैं, उन्हें तोड़ दिया जाए। शौचालय निर्माण की पहली किश्त के चेक भेंट किए गए। फिर डीएम पूछते रहे, कोई समस्या और है क्या? कुछ महिलाएं आगे बढ़ीं, लेकिन तब तक व्यवस्था संभालने के नाम पर सरकारी अधिकारी-कर्मचारी ही आगे आ गए और बार-बार उन्हें वापस करते रहे। महिलाएं बैठी-बैठी चिल्लाती रहीं, लेकिन फिर अधिकारियों का ध्यान उनकी ओर नहीं जा सका। थोड़ी देर में वहां से रवाना हो गए। उनके जाने के बाद नाराज महिलाओं से पूछा तो गोमती, गुड्डी देवी, संगीता आदि ने शिकायतों की झड़ी लगा दी। किसी ने कहा कि राशन कार्ड है, फिर भी कोटेदार राशन नहीं देता। किसी का कहना था कि चार बार घर के सामने सामान तो लाया गया, लेकिन हमारा शौचालय नहीं बनाया गया। राशन की समस्या ज्यादा थी। उनका कहना था कि तीन बजे से इसलिए आकर बैठ गए थे कि बड़े अधिकारी आ रहे हैं तो समस्या जरूर दूर हो जाएगी।
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ओडीएफ ईश्वरीगंज में सजा तारीफों का मंच
कल्याणपुर ब्लॉक के गांव ईश्वरीगंज में अधिकारी पूरे सुकून में दिखे। खुले में शौचमुक्त हो चुके इस गांव में प्रमुख सचिव मुकुल सिंघल ने महिलाओं, युवतियों, बुजुर्गो से अनुभव पूछे कि कैसे यह काम किया और अब कैसा महसूस कर रहे हैं। ग्रामीणों ने अपने प्रयास बताने के साथ ही अधिकारियों के कार्य की सराहना की। साथ ही प्रमुख सचिव ने सलाह भी दी कि बेटी की शादी करने से पहले यह शर्त भी रख दिया करें कि ससुराल में शौचालय हो, न हो तो बनवाएं। इससे पहले कल्याणपुर ब्लॉक कार्यालय में तो सिर्फ परिसर का ही भ्रमण कर बीडीओ से पूछ लिया कि कुछ रचनात्मक कार्य किया हो तो बताओ।
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सरसैया घाट : आए, रुके और चल दिए
नमामि गंगे मिशन के तहत चल रहे घाट सुंदरीकरण के काम को देखने के लिए प्रमुख सचिव सरसैया घाट पहुंचे। मगर, यहां तो वह बमुश्किल साढ़े तीन मिनट ही रुके। सबसे पहले घाट पर जाकर गंगा के दर्शन किए और काम कर रही कंपनी के प्रतिनिधियों से जानकारी ली। नाव चलाने वाले वीरू निषाद से कहा कि गंगा को साफ रखें तो लोग यहां आएंगे। गंगाराम ने मूत्रालय न होने की शिकायत की। प्रमुख सचिव ने कह दिया कि बनाया जा रहा है। साथ ही कंपनी के अफसरों को आदेश दिए कि घाट में होने वाले कार्यो का बोर्ड घाट पर लगाएं, ताकि जनता को पता चल सके कि क्या काम हो रहे हैं।