Move to Jagran APP

महाभारत के श्रीकृष्ण ने दिखाई मुंबई की राह, जानिए इस प्रभु के लेखक की स्ट्रगल की कहानी Kanpur News

कानपुर के विकास कपूर ने मुंबई जाकर धार्मिक धारावाहिकों में अपनी अलग पहचान कायम की है।

By AbhishekEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 01:54 PM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 05:03 PM (IST)
महाभारत के श्रीकृष्ण ने दिखाई मुंबई की राह, जानिए इस प्रभु के लेखक की स्ट्रगल की कहानी Kanpur News
महाभारत के श्रीकृष्ण ने दिखाई मुंबई की राह, जानिए इस प्रभु के लेखक की स्ट्रगल की कहानी Kanpur News

कानपुर, [जागरण स्पेशल]। विकास कपूर अब एक ऐसा नाम बन गया है, जो मुंबई में अपनी एक अलग प्रभु के लेखक की पहचान बना चुका है। कहते हैं ईश्वर का साथ हो तो कुछ भी नामुमकिन नहीं होता है। कुछ ऐसा ही विकास के साथ भी रहा, महाभारत के श्रीकृष्ण ने उन्हें कानपुर से मुंबई की राह दिखाई तो उनका भी सितारा चमक उठा और वो धार्मिक धारावाहिक के पर्याय बन गए। आइए विकास की जुबानी जानते हैं उनके स्ट्रगल की कहानी।

loksabha election banner

5,500 घंटों के धारावाहिक लिखे

एक के बाद एक धार्मिक धारावाहिक के लेखन में अपनी कलम चलाने की वजह से उन्हें 'प्रभु का लेखक' भी कहा जाने लगा। 'जप, तप, व्रत', 'श्रीगणेश', जय मां वैष्णो देवी, जय संतोषी मां, भाग्य विधाता शनिदेव, सूर्य पुराण, साईं भक्तों की सच्ची कहानियां कुछ ऐसे धारावाहिक हुए जिन्होंने उनकी प्रतिभा को एक अलग पहचान दी। मुंबई में पिछले 25 वर्षों में 5,500 घंटों के धारावाहिक को लिख चुके विकास कपूर इस समय दिव्यांग क्रिकेटरों की जुझारुपन पर फीचर फिल्म चल जीत लें ये जहां बना रहे हैं। इस फिल्म की कहानी भी उन्होंने ही लिखी है और इसका निर्देशन भी वह खुद कर रहे हैं। वर्तमान समय में उत्तराखंड में इसकी शूटिंग भी चल रही है।

शहर में किया कई नाटकों का मंचन

कानपुर में ही स्वरूप नगर में जन्मे विकास कपूर बताते हैं कि महाभारत धारावाहिक में श्रीकृष्ण की भूमिका निभाने वाले नीतिश भारद्वाज उन्हें मुंबई लाए थे। आर्य नगर इंटर कालेज से इंटर करने वाले विकास कपूर ने वीएसएसडी कालेज से स्नातक किया था। अब भी अक्सर कानपुर आने वाले विकास कपूर का कहना है कि उन्होंने कानपुर में करीब ढाई दर्जन नाटकों का मंचन किया था। नीतिश भारद्वाज 1994 में गीता रहस्य धारावाहिक बना रहे थे। उन्होंने किसी मैगजीन में लेख पढ़े थे।

इस तरह मिले नीतिश भारद्वाज

विकास कपूर के मुताबिक उन्होंने तत्कालीन भाजपा सांसद जगतवीर सिंह द्रोण के जरिए संपर्क किया। उन्हें अपने सीरियल के बारे में बताया और उसमें लिखने के लिए कहा। वह दो-तीन दिन बाद दीनदयाल इंटर कालेज के रजत जयंती वर्ष के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने आ रहे थे। वहां जिस नाटक का मंचन हुआ, उसका निर्देशन विकास कपूर ने ही किया था। कॉलेज में मुलाकात के बाद पूरी बात हुई और उसके बाद मुंबई चला गया। मुंबई में रहने की जगह नहीं थी तो नीतिश भारद्वाज ने अपने घर पर ही रहने की जगह दी और मेरा काम था सिर्फ धारावाहिक की किस्तें लिखना था। इसके बाद मैं दिल्ली हूं में लिखने का मौका मिला।

दिव्यांग क्रिकेटरों की बना रहे फिल्म

विकास ने बताया कि डीडी वन पर दिखाया जाने वाला 'ओम नम: शिवायÓ धारावाहिक ने उनकी राह में बड़ा परिवर्तन किया। इसके बाद धार्मिक धारावाहिक की लाइन लग गई। उन्होंने बताया कि शिरडी के साईं बाबा धारावाहिक के लिए उन्हें प्रेसीडेंट अवार्ड भी मिला। वर्तमान में दिव्यांग क्रिकेटरों के विश्व कप जीतने पर वह फीचर फिल्म बना रहे हैं। इस फिल्म में उस टीम के आधा दर्जन खिलाड़ी भी भूमिका निभा रहे हैं। विकास कपूर के मुताबिक जो लोग खुद जूते भी नहीं बांध सकते, उन्होंने किस तरह विजय हासिल की, उस पर फिल्म बनाई जा रही है। उनके मुताबिक कानपुर उनका घर है और वह यहां नियमित रूप से आते रहते हैं। इसी वर्ष जनवरी में पिता दयाराम कपूर के निधन पर वह कानपुर आए थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.