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Coronavirus से जंग में रेलवे ने भी बढ़ाए अपने कदम, आइसोलशन वार्ड में तब्दील कर रहा पुराने कोच

कानपुर शहर में पहले चरण में 17 कोचों में काम शुरू हो चुका है बाकी कोचों को 14 अप्रैल तक तैयार किया जाएगा।

By AbhishekEdited By: Published: Sat, 04 Apr 2020 09:58 AM (IST)Updated: Sat, 04 Apr 2020 09:58 AM (IST)
Coronavirus से जंग में रेलवे ने भी बढ़ाए अपने कदम, आइसोलशन वार्ड में तब्दील कर रहा पुराने कोच
Coronavirus से जंग में रेलवे ने भी बढ़ाए अपने कदम, आइसोलशन वार्ड में तब्दील कर रहा पुराने कोच

कानपुर, जेएनएन। कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में रेलवे भी आगे आ गया है। यात्री ट्रेनों का संचालन बंद करने के बाद अब मास्क, सैनिटाइजर, चिकित्सीय उपकरण भी बनाने में जुट गया है। रेलवे ने पुराने कोचों को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील करने का काम शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में कानपुर न्यू कोचिंग कांप्लेक्स को भी 30 आइसोलेशन कोच तैयार करने हैं, यहां पहले चरण में 17 कोचों में काम शुरू हो चुका है। बाकी कोचों को 14 अप्रैल तक तैयार किया जाएगा।

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कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी में इजाफा होते देखकर अब आइसोलशन वार्ड बढ़ाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस ओर रेलवे ने भी कदम बढ़ाए हैं। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को क्वांरटाइन में रखने के लिए सात बेड लोको अस्पताल और छह बेड अनवरगंज स्थित आरपीएफ की छोटी बैरक में व्यवस्था करने के बाद अब आइसोलेशन वार्ड तैयार करने में रेलवे जुट गया है। इसके लिए रेलवे ट्रेन को पुराने कोचों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

न्यू कोचिंग कांप्लेक्स के प्रभारी संजय अवस्थी ने बताया कि आइसोलेशन कोच तैयार करने के लिए पुराने आइसीएफ (इंट्रीग्रल कोच फैक्ट्री) कोच का इस्तेमाल किया जा रहा है। जो 17 कोच केयर यूनिट के पास आए हैं वह कानपुर में ही चल रहे थे। यहां अगर कोच उपलब्ध नहीं हो पाएंगे तो दूसरे स्थानों से मंगाए जाएगे। एक कोच में आठ मरीजों के लिए बेड तैयार किए जा रहे हैं। वहीं कोच में एक तरफ शौंचालय तो दूसरी तरफ स्नानागृह तैयार किया है। मच्छरों से बचाव के लिए खिड़कियों पर नटबोल्ट की वेल्डिंग करने के बाद उस पर मच्छरदानी लगाई जा रही है। साइड अपर बर्थ के स्थान पर आक्सीजन सिलेंडर रखने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया पहले चरण में 17 में 11 कोचों का काम पूरा होने की कगार पर है। कोच की फिटनेस चेक कराने के बाद इन्हें सैनिटाइज कराकर बंद किया जाएगा। 30 कोच की रेक तैयार होने के बाद इसे रेलवे के स्वास्थ्य विभाग के सुपुर्द किया जाएगा।


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