नियमों में बांधे गंदगी फैलाने वाले हाथ
जागरण संवाददाता, कानपुर : सड़क पर कूड़ा फेंकने वाले अब सावधान हो जाएं। ऐसा करने पर नोटिस
जागरण संवाददाता, कानपुर : सड़क पर कूड़ा फेंकने वाले अब सावधान हो जाएं। ऐसा करने पर नोटिस के साथ ही उनसे जुर्माना वसूला जाएगा। इसके बाद सालिड वेस्ट मैनेजमेंट, ई कचरा, बायो मेडिकल वेस्ट, रसायनिक कचरा, प्लास्टिक वेस्ट व कंस्ट्रक्शन वेस्ट सड़क पर फैलाने वालों पर अंकुश लगाया जा सकेगा। इसके लिए अधिकारियों व निर्माताओं की जिम्मेदारी भी तय कर दी गई है।
यह निष्कर्ष बुधवार को अगस्त क्रांति दिवस पर सिविल लाइंस स्थित लैंडमार्क होटल में छह प्रकार के कचरा प्रबंधन नियमावली 2016 पर आधारित क्षमता विकास कार्यशाला में विशेषज्ञों की बातचीत में निकला। पर्यावरण व वन मंत्रालय के पूर्व सलाहकार डॉ. संचिता जिंदल ने कहा कि इस नियमावली को लागू कराने की जिम्मेदारी पर्यावरण मंत्रालय व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की है। नगर निगम गंदगी न फेंकने के प्रति लोगों को जागरूक करेगा व जुर्माना तय करेगा। यह नियमावली दो साल में लागू करनी है। नगर निगम व राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद द्वारा आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री सत्यदेव पचौरी ने किया। सत्र की शुरुआत उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य ने और समापन नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने किया।
तीन तरीके से अलग-अलग उठाएं कूड़ा
गीला (किचन संबंधी) व सूखा (प्लास्टिक) कूड़ा अलग-अलग रखने के साथ ही रासायनिक कचरा (बैटरी आदि) भी अलग डस्टबिन में रखा जाए। हर घर से कूड़ा अलग-अलग मिलेगा तो निस्तारण में देरी नहीं होगी। सभी वार्डो में घर-घर से कूड़ा उठना शुरू कराया जाए।
जगह-जगह हों कूड़े से खाद बनाने के सिस्टम
गीले कूड़े से खाद बनाने का सिस्टम मोहल्लों व पार्को में भी हो। लोग घरों में भी खाद बना सकते हैं। इससे कूड़े का निस्तारण होने के साथ ही खाद भी मिल जाएगी।
48 हजार यूजर चार्ज जमा करने पर ही पालीथीन में दे सकेंगे सामान
नियमावली में प्लास्टिक के प्रयोग पर भी कड़े नियम लागू किए गए हैं। इसमें वैध पालीथीन का प्रयोग करने वाले दुकानदारों व वेंडरों को नगर निगम में 48 हजार रुपये यूजर चार्ज जमा कर रजिस्ट्रेशन करना होगा। यह एक साल के लिए ही मान्य होगा।
पाली पैक उत्पादनों पर लगाम
पाली पैक बनाने वाली कंपनियों को भी हिदायत दी गई है कि दो साल में ऐसी प्लास्टिक तैयार करें, जिसका रीसाइकिल हो सके। ऐसा न करने पर बैन लगाया जाएगा। तब तक ऐसी स्कीम चलाएं जिससे पाली पैक वापस आ जाएं। चिप्स आदि स्नैक्स बनाने वाली कंपनियों में पाली पैक का इस्तेमाल होता है।
बायो मेडिकल वेस्ट उठाने वाले वाहनों में लगाएं जीपीएस
बायो मेडिकल वेस्ट उठाने वाले वाहनों में जीपीएस लगाया जाए। कूड़ा पीले थैले में उठाया जाए व तौलकर बार कोड लगाया जाए। ऑनलाइन मानीट¨रग से जहां कूड़ा डाला जाना है वहां कूड़े की मात्रा की जानकारी हो जाएगी। कूड़ा कम निकलने पर यह पता लगाया जा सकेगा कि कूड़ा कहां पर फेंका गया।
इलेक्ट्रानिक उत्पादों का करना होगा निस्तारण
इलेक्ट्रानिक उत्पाद की मियाद खत्म होने पर उसे बाजार से उठाने की जिम्मेदारी संबंधित कंपनी की होगी।
सड़क पर मलबा डालने से पहले देनी होगी जानकारी
20 टन मलबा सड़क पर डालने से पहले लोगों को नगर निगम को जानकारी देनी होगी। ऐसा नहीं करने पर नगर निगम जुर्माना वसूल करेगा।
रासायनिक कचरे के निस्तारण को खोले जाएं सेंटर
सेंट्रल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अपर निदेशक विनोद बाबू ने कहा कि रासायनिक कचरे के निस्तारण के लिए सेंटर खोले जाएं। 20 किलोमीटर दूरी पर एक सेंटर होना चाहिए। शहर में ऐसे 40 सेंटर बनाए जाएं ताकि लोग यहां रासायनिक कचरा डाल सकें।
क ड़ा निकालने से लेकर निस्तारण तक जिम्मेदारी
क ड़ा देने की जिम्मेदारी जनता की, उठाने की जिम्मेदारी नगर निगम की और निस्तारण की जिम्मेदारी कंपनी की है।
यह भी हो
0 स्कूलों में जागरूकता अभियान
0 कूड़े के निस्तारण के लिए यूजर चार्ज तय किया जाए।
0 कूड़ा गाड़ी ढक कर जाए
यह बनेगा कूड़े से
0 खाद, बिजली, ग्रीन कोल, इंटर लाकिंग टाइल्स व मिंट्टी
लागू होनी है
0 नियमावली दो साल में लागू होनी है।
प्रश्नोत्तरी भी हुई
0 इस दौरान कार्यशाला में आए लोगों ने प्रश्नों को विशेषज्ञों से पूछा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता महापौर जगतवीर सिंह द्रोण ने की और धन्यवाद नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने दिया।
यह थे विशेषज्ञ
प्रोफेसर व सीएंडडी प्लांट के इंचार्ज अरुण कुमार शर्मा, एसएस इनवायरो के डायरेक्टर केके सिन्हा, केन्द्रीय उत्पादकता परिषद के डायरेक्टर डॉ हर्ष पुखराल, गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पूर्व अफसर बीआर पटेल, राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद के क्षेत्रीय अधिकारी रामेश्वर दुबे थे।