नाबालिग को बना दिया गैंगस्टर
जागरण संवाददाता, कानपुर : केंद्र सरकार ने जहां नाबालिगों के पुनर्वास को लेकर सख्त नियम बनाए ह
जागरण संवाददाता, कानपुर : केंद्र सरकार ने जहां नाबालिगों के पुनर्वास को लेकर सख्त नियम बनाए हैं, वहीं उच्च न्यायालय ने भी समय-समय पर दिशा निर्देश जारी किए हैं। इन सबके बीच चमनगंज पुलिस ने एक नाबालिग को गैंगस्टर बना दिया। वह भी तब जब किशोर न्याय बोर्ड से किशोर घोषित होने के बाद उसे जमानत तक मिल चुकी है।
चमनगंज पुलिस ने भन्नानापुरवा निवासी एक लड़के के खिलाफ चोरी के आरोप में मुकदमा कर उसे जेल भेज दिया। संबंधित न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर परिजनों ने लड़के के किशोर होने का दावा किया तो मामला किशोर न्याय बोर्ड भेज दिया गया। इसी के साथ किशोर को जेल से संप्रेषण गृह भेजा गया। 3 मई 2017 को प्रार्थना पत्र पर किशोर न्याय बोर्ड ने किशोर के शैक्षणिक दस्तावेजों के साथ स्कूल प्रधानाचार्य के बयान दर्ज किए। इसके बाद 19 मई 2017 को बोर्ड ने उसे किशोर घोषित किया और जमानत पर सुनवाई के लिए परीवीक्षा अधिकारी और चमनगंज पुलिस से रिपोर्ट मांगी। इसी बीच चमनगंज पुलिस ने 19 मई को किशोर न्याय बोर्ड में चार्जशीट दाखिल कर दी जिस पर बोर्ड ने संज्ञान लिया। 26 मई को हुई सुनवाई में बोर्ड ने उसे किशोर होने का लाभ देते हुए जमानत दे दी। इधर, पुलिस ने किशोर के खिलाफ गैंगस्टर कार्रवाई भी शुरू कर दी। पुलिस ने गैंगचार्ट में किशोर के खिलाफ एक मुकदमा दिखाया है और उसकी उम्र 25 वर्ष दर्ज की है। किशोर की मां के मुताबिक एसएसपी से शिकायत की तो उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
क्या कहता है कानून
बोर्ड के पूर्व सदस्य कमलकांत तिवारी बताते हैं कि किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 3 की उपधारा 14 में किशोरों के लिए नए सिरे से शुरुआत का सिद्धांत दिया गया है। इसके मुताबिक किशोर न्याय पद्धति के अधीन किसी बालक के पिछले सभी अभिलेख को विशेष परिस्थितियों (संगीन अपराध मसलन हत्या, दुष्कर्म, डकैती) के सिवाय समाप्त कर दिया जाना चाहिए।