तीन लाख खर्च, फिर भी खाली नही हुए फुटपाथ
तीन लाख रुपये खर्च हो जाने के बाद अतिक्रमण जस का तस है।
जागरण संवाददाता, कानपुर : तीन लाख रुपये खर्च हो जाने के बाद अतिक्रमण जस का तस है। प्रशासन, नगर निगम, पुलिस व पीडब्ल्यूडी के संयुक्त अभियान मे डिप्टी पड़ाव से लेकर पालीटेक्निक तक पिछले तीन दिन से अतिक्रमण हटाया गया, मगर मौके पर देखने पर नही लगता है कि यहां पर अभियान चला होगा। अतिक्रमणकारियो ने फिर फुटपाथ से सड़क तक कब्जा कर लिया है।
डिप्टी पड़ाव से जरीब चौकी तक मंगलवार को पूरे अमले ने तीन घंटे अभियान चलाकर अतिक्रमण हटाए थे, लेकिन दस्ते के लौटते ही अतिक्रमणकारियो ने फुटपाथ पर कब्जा कर लिया। गुरुवार को स्थिति यह थी कि 15 फीट फुटपाथ गायब हो गया। सड़क पार्किग बन गई। बुधवार को जरीब चौकी से गोल चौराहे तक सड़क के दोनो तरफ बने कच्चे व पक्के निर्माण हटाए गए थे। सड़क पर लगने वाले टायर हटा दिए गए थे, मगर फिर से टायर फुटपाथ से लेकर से सड़क तक लग गए हैं। बस वालो ने फिर कब्जा कर लिया है। गुरुवार को गोल चौराहे से पालीटेक्निक तक चले अभियान भी दिखावा बनकर रह गए। शाम को यहां देखने मे नहीं लगा कि अतिक्रमण हटाया गया था। एक दिन के अभियान मे रोज लगभग एक लाख रुपये खर्च हो रहे हैं। इस हिसाब से तीन लाख खर्च हो चुके हैं, लेकिन अतिक्रमण हटने के बजाए और बढ़ गया है।
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अतिक्रमण हटने पर पुलिस से भिड़ी महिला
गोल चौराहे से पालीटेक्निक चौराहा तक अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान एक महिला कब्जा हटाने को लेकर पुलिस से भिड़ गई। महिला पुलिस ने उसको हटाकर अतिक्रमण हटा दिया। इस दौरान दस्ते ने अस्थायी तीन दर्जन निर्माण गिरा दिए। क्षेत्रीय लोगो ने आरोप लगाया कि जीटी रोड मे पक्की चार दर्जन से ज्यादा अवैध दुकानो को दस्ता कभी नही गिराता है, केवल गरीबो की दुकाने गिराकर खानापूरी करके लौट जाता है।