कानपुर में गंगा पर खर्च हुए आठ अरब, स्थिति जस की तस
600 करोड़ रुपये की योजना वर्ष 2012 में पूरी होनी थी, लेकन अभी काम पूरा नहीं हो पाया है योजना की लागत बढ़कर 745 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।
कानपुर (जागरण संवाददाता)। गंगा को निर्मल-अविरल करने में 27 साल से 13.50 अरब रुपये के प्रोजेक्ट तैयार हो चुके हैं। इसमें लगभग आठ अरब रुपये खर्च हो चुके है, लेकिन निर्मल होने के स्थान पर गंगा और प्रदूषित हो गई है। देश की जीवन रेखा माने जाने वाली इस नदी में 36 करोड़ लीटर सीवर का दूषित पानी रोजाना सीधे गिर रहा है।
अफसरों का कार्य के प्रति उदासीनता ही है कि 2012 में खत्म होने वाली जवाहर लाल नेहरू नेशनल अरबन रिन्यूवल मिशन योजना अभी तक अधूरी है। नमामि गंगे के तहत कई प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं, वे भी धनाभाव के चलते कछुए की चाल से चल रहे हैं। गंगा सफाई अभियान वर्ष 1989 में शुरू हुआ था। दो चरण में चली योजना में 166 करोड़ रुपये खर्च हुए।
जाजमऊ में 16.2 करोड़ लीटर सीवर के पानी को ट्रीट करने का प्लांट बना हुआ है, लेकिन इस समय शहर में 46 करोड़ दूषित पानी निकल रहा है। इसके मुकाबले 16.2 करोड़ लीटर प्लांट में सिर्फ दस करोड़ लीटर ही पानी ट्रीट हो पा रहा है। गंगा में सीवरेज रोकने के लिए वर्ष 2005 में जवाहर लाल नेहरू नेशनल अरबन रिन्यूवल मिशन योजना के तहत सीवरेज के तीन फेज लाए गए।
600 करोड़ रुपये की योजना वर्ष 2012 में पूरी होनी थी, लेकन अभी काम पूरा नहीं हो पाया है। योजना की लागत बढ़कर 745 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। एक साल से पहले कार्य पूरा होता नहीं दिख रहा है। सीवरेज प्रोजेक्ट का फेज एक 104 करोड़ रुपये न मिलने के कारण बंद पड़ा है। इसके कारण बनियापुरवा में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट व जाजमऊ में सीवर लाइन डालने का काम रुका पड़ा है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार: महाप्रबंधक जल निगम आरके अग्रवाल कहते हैं, सीवरेज प्रोजेक्ट का फेज एक का बढ़ी रकम 104 करोड़ रुपये न मिलने पर ठेकेदारों ने काम रोक दिया है। सीसामऊ नाला बंद करने व 34 वार्डो में सीवर लाइन ठीक करने का काम चल रहा है लेकिन अभी तक धन नहीं आया है।
यह भी पढ़ें: सूबे की राजधानी लखनऊ अब डायबटीज कैपिटल
नमामि गंगे के तहत चल रहे प्रोजेक्ट:
- 370 करोड़ रुपये में 34 वार्डों में सीवर लाइन साफ करने व जर्जर लाइन को बदलने का काम हो रहा है। चार माह से योजना में काम चल रहा है। हालांकि अभी तक योजना में एक ठेला भी नहीं मिला है।
- सीसामऊ नाला समेत पांच नालों को बंद करने के लिए 63 करोड़ रुपये की योजना चल रही है। काम शुरू हो गया है लेकिन धनाभाव के चलते योजना केवल रेंग रही है।
यह भी पढ़ें: सीएम योगी की फ्लीट निकली तो जाम में फंस गए पूर्व सीएम अखिलेश