एशिया यूनिवर्सिटी की रैंकिंग में मिला आइआइटी कानपुर को 59वां स्थान
ज्यादातर संस्थानों की रैंकिंग में गिरावट आई है, एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग में आइआइटी बांबे का स्थान 34वां है।
कानपुर (जागरण संवाददाता)। नामी गिरामी विश्वविद्यालयों व संस्थानों की क्वाकरैली साइमंड्स (क्यूएस) एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग जारी कर दी गई है। क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग-2018 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानपुर 59वें स्थान पर है। पिछले साल की तुलना में इस साल संस्थान की रैंकिंग में 11 अंकों की गिरावट आई है। 2017 में आइआइटी कानपुर 48वें स्थान पर था।
देश के आइआइटी व इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आइआइएससी) समेत अन्य बड़े विश्वविद्यालयों व संस्थानों की रैंकिंग में कुछ ही संस्थान ऐसे हैं जिनकी रैंकिंग में सुधार हुआ है। ज्यादातर संस्थानों की रैंकिंग में गिरावट आई है। एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग में आइआइटी बांबे का स्थान 34वां है।
यह पिछले साल की तुलना में एक पायदान ऊपर है। यही एकमात्र ऐसा भारतीय संस्थान है जो रैंकिंग में शामिल शीर्ष 100 संस्थानों में अपना प्रदर्शन सुधारने में सफल रहा है। क्यूएस रैंकिंग में आइआइटी दिल्ली को 41वां, आइआइटी मद्रास 48वां व आइआइएससी बेंगलुरु को 51वां स्थान मिला है।
विश्व रैंकिंग में 302वें स्थान पर है आइआइटी: एशियन रैंकिंग में 100 के अंदर जगह बनाने वाला आइआइटी कानपुर क्यू एस वल्र्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में 302 वें स्थान पर है। पहले की अपेक्षा इस रैंकिंग में 31वें अंक की आई है।
ये हैं दुनिया के तीन शीर्ष विश्वविद्यालय व संस्थान: 1. नयांग प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, सिंगापुर। 2. नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर। 3. द हांगकांग यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलाजी।
क्या है क्यूएस रैंकिंग: विश्वविद्यालय व संस्थानों की रैंकिंग का वार्षिक प्रकाशन 'क्यूएस रैंकिंग' के अंतर्गत किया जाता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशेषज्ञों का समूह मानकों का परीक्षण करके कालेज व विश्वविद्यालयों की रैंकिंग जारी करता है। यह रैंकिंग एक्सपर्ट ग्रुप से स्वीकृति प्राप्त है।
छात्रों की पहली पसंद आइआइटी बांबे: इस साल जेईई एडवांस में सफल टॉप-100 छात्रों ने आइआइटी कानपुर को वरीयता नहीं दी है। देश भर की 23 आइआइटी में प्रवेश लेने की ख्वाहिश रखने वाले छात्रों की पहली पसंद इस बार भी कंप्यूटर साइंस रही है। आइआइटी बांबे में इस ब्रांच की रैंकिंग पहले पर खुली और 60 पर बंद हो गई। यह संस्थान लगातार अपनी रैंकिंग में सुधार लाता जा रहा है।
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पढ़ाई का स्तर ऊंचा: डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. नीरज मिश्र का कहना है कि आइआइटी में पठन पाठन से लेकर शोध कार्य का स्तर बहुत ऊंचा है। छात्रों को अपनी मनपसंद ब्रांच में नियमानुसार कोर्स के बीच में प्रवेश लेने का सरल नियम केवल यहां पर है। देश की शीर्ष योजना इंपेक्टिंग रिसर्च इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी (इमप्रिंट) का नेतृत्व आइआइटी कानपुर को सौंपा गया है। रैंकिंग और बेहतर किए जाने के प्रयास जारी हैं।
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