भ्रष्टाचार मुक्त माहौल में उत्तर प्रदेश बन रहा इंडस्ट्रियल हब
उप्र राज्य औद्योगिक विकास निगम (यूपीएसआइडीसी) के खाली पड़े औद्योगिक भूखंड की ऑनलाइन बुकिंग शनिवार को ई-एप्लीकेशन पोर्टल के जरिए शुरू हो गई।
कानपुर (जेएनएन)। उप्र राज्य औद्योगिक विकास निगम (यूपीएसआइडीसी) के खाली पड़े औद्योगिक भूखंड की ऑनलाइन बुकिंग शनिवार को ई-एप्लीकेशन पोर्टल के जरिए शुरू हो गई। औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने शनिवार को पोर्टल लांच किया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि वह भ्रष्टाचार मुक्त माहौल में उत्तर प्रदेश को इंडस्ट्रियल हब के रूप में विकसित करेंगे। महाना ने कहा कि अब तक यह निगम भ्रष्टाचार का विभाग बनकर रह गया था, पर अब ऐसा नहीं होगा। पहले समझौते के बाद भूखंड मिलता था, अब ऑनलाइन आवेदन करने से मनपंसद भूखंड मिलेगा। एक्सप्रेस-वे के किनारे औद्योगिक क्लस्टर विकसित किए जाएंगे।
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आवेदनकर्ता-अफसर के बीच में शेयर
एक उद्यमी ने कहा कि यूपीएफसी के माध्यम से औद्योगिक विकास को ऋण दिलाया जाए, इस पर महाना ने कहा, पहले यूपीएफसी में लोन देने के नाम पर आवेदनकर्ता और अफसर के बीच में शेयर तय होते थे। इस वजह से यह निगम डूब गया। अब पूरी पारदर्शिता के साथ सुविधाएं मिलेंगी। औद्योगिक विकास को तेज रफ्तार देने के लिए सरकार सख्त कदम उठा रही है। कंसलटेंट को अब उनके कराए गए निवेश के आधार पर पैसा मिलेगा। विधानसभा में विभाग का बजट पेश करते समय जो वादा किया है, उसे छह माह में पूरा करूंगा। अन्यथा यह मानूंगा कि विधानसभा में बोलने के योग्य नहीं हूं। अब वादे नहीं उपलब्धियां गिनाऊंगा।
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वी आर चेंजिंग टू वी आर चेंज
मंत्री ने कहा कि पिछली सरकार में चीनी मिलों को बेचकर इनवेस्टमेंट की उपलब्धि गिनाई जाती थी अब काम करके उपलब्धि बताएंगे। इंडस्ट्री को रोजगार से जोडऩे का काम किया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि अभी यूपीएसआइडीसी के अफसरों के बैच पर वी आर चेंजिंग लिखा है लेकिन एक साल में वी आर चेंज लिखा होगा । मथुरा के कोसी कोटवन में 354, आइआइडीसी एटा में 149, ट्रांसगंगा सिटी कानपुर में 166, संडीला फेज तीन में 160, एसइजेड मुरादाबाद में 113, एग्रो पार्क बाराबंकी में 54, प्लास्टिक सिटी दिबियापुर में 223, ग्रोथ सेंटर शाहजहांपुर में 185, भूखंड रिक्त हैं।
जल्द सुविधाएं होंगी ऑनलाइन
- भूखंड पर कब्जा लेने के लिए आवेदन।
- प्रोजेक्ट, प्रोडक्ट व अतिरिक्त प्रोडक्ट की स्वीकृति।
- आवंटित भूखंड पर अतिरिक्त यूनिट लगाने को आवेदन।
- लीज डीड का निष्पादन, भूखंड का हस्तांतरण व बैंक लोन के लिए एनओसी की स्वीकृति।
- भवन मानचित्र की स्वीकृति के लिए आवेदन, आवंटित भूखंड के बढ़े क्षेत्रफल की स्वीकृति।
- उद्योग लगाने के लिए समय का विस्तार, लीज रेंट की अदायगी।
- बकाए का पुन: निर्धारण, भूखंड का म्यूटेशन, भूखंड सरेंडर करने को आवेदन।
- पत्रावली में नाम, पता बदलना, शेयर होल्डिंग बदलना।
- नोड्यूज सर्टिफिकेट और डुप्लीकेट दस्तावेज भी ऑनलाइन होगा।