कैंट खाद्यान्न घोटाले में कोटेदारों पर एफआइआर
जागरण संवाददाता, कानपुर: गंगा से उठी खाद्यान्न घोटाले की बू ने आखिर सोये तंत्र को जागने के लिए मजबूर
जागरण संवाददाता, कानपुर: गंगा से उठी खाद्यान्न घोटाले की बू ने आखिर सोये तंत्र को जागने के लिए मजबूर कर दिया। शनिवार से शुरू हुए घटनाक्रम में गुरुवार को जिला खाद्य आपूर्ति कार्यालय ने कैंट थाने में घोटालेबाज कोटेदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया। कोटेदारों पर फर्जी कार्डो के जरिये सरकारी राशन के गबन का आरोप है।
सत्तीघाट पर 15 जुलाई को कुछ बकरी चराने वालों ने गंगा में बहती तीन बोरियां देखीं तो उन्हें बाहर निकाल लिया। बोरियों के अंदर से राशन कार्ड, आधार कार्ड, कार्ड धारकों के बैंक स्टेट, फोटो आदि भरे हुए थे। यह कार्ड कैंट स्थित कोटेदार चौथी लाल और सुषमा के खाद्यान्न वितरण केंद्र से संबंधित थे। दैनिक जागरण ने पड़ताल की तो सामने आया कि दोनों वितरण केंद्रों के करीब 1100 कार्डो में चार से पांच सौ कार्ड फर्जी हैं और इनका राशन फर्जी हस्ताक्षरों से उठाया जा रहा है। जागरण के खुलासे के बाद डीएम ने क्षेत्रीय आपूर्ति अधिकारी उदयराज से जांच कराई। मंगलवार को एक ही दिन में जांच के दौरान 118 कार्ड फर्जी पाए गए। एक दिन की जांच को आधार बनाते हुए एआरओ ने बुधवार को जांच रिपोर्ट डीएसओ को सौंप दी थी। डीएसओ विजय प्रभा अवस्थी ने बताया कि एआरओ की जांच में दोनों कोटेदारों पर राशन के गबन का आरोप है। दोनों के खिलाफ कैंट थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। अब पुलिस इस मामले की जांच करेगी।
जिन लोगों ने पात्र गृहस्थी योजना के तहत अपात्र होते हुए राशन कार्ड बनवाया है, उन्हें चेतावनी दी जा रही है कि वह कार्ड सरेंडर कर दें। नहीं तो ऐसे लोगों के खिलाफ राशन की वसूली के साथ रिपोर्ट दर्ज कराने की कार्रवाई कराई जाएगी।
सुरेंद्र सिंह, डीएम कानपुर