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टू लेन रोड पर उतरे तीन गुना भारी वाहन

संवाद सहयोगी, घाटमपुर: भारतीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) यातायात का आंकलन करके सड़कों की चौड़ाई निर्

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Jun 2017 10:27 PM (IST)Updated: Fri, 23 Jun 2017 10:27 PM (IST)
टू लेन रोड पर उतरे तीन गुना भारी वाहन
टू लेन रोड पर उतरे तीन गुना भारी वाहन

संवाद सहयोगी, घाटमपुर: भारतीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) यातायात का आंकलन करके सड़कों की चौड़ाई निर्धारित करती है। कानपुर सागर राजमार्ग के निर्माण के पूर्व कराए गए सर्वे के आधार पर टू लेन सड़क का निर्माण हुआ था। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद ओवरलोड को लेकर सख्ती हुई, तो बड़े पैमाने पर वाहनों की फ्लीट राजमार्ग पर उतर पड़ी। वर्तमान में वाहनों की तादाद छह लेन रोड के मानक को छूने लगी है। दो लेन रोड पर छह लेन का यातायात उतरने के चलते जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। नगरीय क्षेत्र में तो सुबह से लेकर शाम तक कई किमी लंबा जाम लगा रहता है।

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कुछ माह पूर्व तक भूसे की तरह मौरंग, गिट्टी लाद कर चलने वाले ट्रक व डंपर सड़कों की शक्ल बिगाड़ते थे और हादसों की तादात बढ़ी थी। इधर प्रदेश में भाजपा की सरकार गठन होने के बाद ओवरलोडिंग पर लगाम कसी गई। इसके चलते ट्रांसपोर्टरों द्वारा खड़ी की गई पुराने माडल वाले ट्रक भी फर्राटा भरने लगे। अंडरलोडिंग के बाद जिस माल को एक डंपर कानपुर व लखनऊ की बाजार में पहुंचाता था। उसके लिए तीन ट्रकों की जरूरत सामने आने के बाद ट्रांसपोर्टरों द्वारा दूरस्थ शहरों तक चलाई जाने वाले ट्रकों को भी गिट्टी व स्टोन डस्ट ढोने के लिए उतार दिया गया है।

बढ़े करीब दो हजार ट्रक

अलियापुर स्थित टोल प्लाजा के आंकड़े गवाही देते हैं कि अंडरलोडिंग लागू होने के बाद करीब दो हजार ट्रकों की तादात राजमार्ग पर बढ़ी है। टोल प्लाजा के प्रबंधक सौरभ श्रीवास्तव बताते हैं कि प्रदेश में सरकार गठन से पूर्व 24 घंटे में करीब 7 ट्रक व डंपर का आवागमन होता था। लेकिन अब इनकी तादात 9 हजार तक पहुंचने लगी है। राजमार्ग से गुजरने वाली कारों की तादात तो तीन गुना से अधिक बढ़ी है। पूर्व में राजमार्ग से पूरे दिन में 4-5 सौ कारें ही गुजरती थी, जो अब 16-17 सौ का आंकड़ा छूने लगी हैं।

छह लेन के मानक को छूने लगा यातायात

एनएचएआई के एक अधिकारी बताते हैं कि राजमार्ग निर्माण से पूर्व इस सड़क के सर्वे के दौरान यातायात करीब 3 हजार पीसीयू (पैसेंजर कार यूनिट) पाया गया था। जिसके चलते यहां दो लेन सड़क का निर्माण हुआ था। लेकिन राजमार्ग निर्माण पूरा होने के दो वर्ष के भीतर ही यातायात 24-25 हजार पीसीयू तक पहुंच रहा है। जो छह लेन सड़क के मानक को छूता है। राजमार्ग के मानकों के मुताबिक 15 हजार पीसीयू पर चार लेने सड़क का प्रावधान होता है।

जाम से हाल बेहाल, संसदीय कमेटी की बैठक में उठा था मुद्दा

सागर राजमार्ग व भोगनीपुर चौडगरा राज्य मार्ग (एसएच-46) में यातायात के भारी दबाव के चलते सुबह से शाम तक नगर में जाम के हालात रहते हैं। रेलवे क्रासिंग के बंद होते ही दोनों मार्र्गो में वाहनों की कतार कई कई किमी लंबी हो जाती है और वाहन सवारों को नगरीय सीमा पार करने में एक से दो घंटे का समय लगता है। पिछले पखवारे लखनऊ में एनएचएआई के सदस्य (तकनीकी) की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में हमीरपुर सांसद पुष्पेंद्र चंदेल व विधायक अशोक सिंह चंदेल ने राजमार्ग पर यातायात के भारी दबाव व जाम का मुद्दा जोरशोर से उठाया था। बैठक में शामिल रहे एक अधिकारी के मुताबिक जिसके बाद ही सुमेरपुर व कबरई में बाईपास निर्माण की हरी झंडी दी गई थी।


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