विशेषज्ञों ने बताए गुणवत्तापरक उत्पादन के फायदे
जागरण संवाददाता, कानपुर: अगर आगे बढ़ना है तो गुणवत्तापरक ऐसा उत्पादन जरूरी है, जो वैश्विक स्तर पर मा
जागरण संवाददाता, कानपुर: अगर आगे बढ़ना है तो गुणवत्तापरक ऐसा उत्पादन जरूरी है, जो वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त हो। गुरुवार को मर्चेट चैंबर, फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट्स आर्गेनाइजेशन (एफआइईओ) और कंट्रोल यूनियन के संयुक्त तत्वावधान में एक सेमिनार हुआ। इसमें विशेषज्ञों ने खेती, चमड़ा, कपड़ा, मिनरल्स व मरीन उत्पाद के लिए यूरोप और अमेरिका में निर्यात की प्रमाणिकता और आवश्यकताओं पर प्रकाश डाला।
सेमिनार में मर्चेट चैंबर के उपाध्यक्ष बीके लाहोटी ने कंट्रोल यूनियन उद्योगों की विभिन्न आवश्यकताओं पर प्रकाश डाला। असिस्टेंट डायरेक्टर जनरल फॉरेन ट्रेड डीटी पराटे ने विदेश व्यापार नीति से संबंधित प्रावधानों को बताया। उन्होंने जानकारी दी कि कानपुर में विदेश व्यापार विभाग का कार्यालय काकादेव में है। कंट्रोल यूनियन के प्रीतम प्रधान ने संस्था की कार्यशैली व दिए जाने वाले प्रमाण पत्रों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कंट्रोल यूनियन नीदरलैंड की संस्था है और इसके कार्यालय 70 देशों में हैं। संस्था द्वारा जारी प्रमाणपत्र लगभग सभी बड़े बजारों एवं उद्योगों में मान्य हैं। संस्था के क्वालिटी मैनेजमेंट के मानक उपयोग में लाने से लागत में कमी, उत्पाद की गुणवत्ता में वृद्धि व उत्पाद में वैल्यू-एडीशन होता है। संस्था के ही किशोर पटवारी ने जैविक खेती से संबंधित प्रमाण-पत्रों के बारे में बताया। संचालन आलोक श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर धीरेन्द्र अग्रवाल, वेद अग्रवाल, एस.एस. चौहान, नवीन गुप्ता आदि मौजूद थे।