योग दिवसः तीन घंटे 33 मिनट शीर्षासन कर बनाया विश्व रिकार्ड
डॉ. आरसीएस पटेल ने तीन घंटे 33 मिनट तक शीर्षासन (सिर के बल खड़े रहना) कर विश्व रिकार्ड स्थापित किया।
कानपुर (जेएनएन)। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के एक दिन पूर्व मर्चेंट चेंबर सभागार में किदवई नगर के डॉ. आरसीएस पटेल ने तीन घंटे 33 मिनट तक शीर्षासन (सिर के बल खड़े रहना) कर विश्व रिकार्ड स्थापित किया। डॉ. पटेल के अलावा नौ अन्य लोगों ने भी विभिन्न आसन कर रिकार्ड बनाया। चित्रा ग्रुप आफ एजुकेशन एवं पटेल नेचुरोपैथी कालेज के संयुक्त तत्वावधान में हुए योग कार्यक्रम में डॉ. पटेल सुबह नौ बजे से अपराह्न 12.33 बजे तक सिर के बल खड़े रहे। उनका पिछला रिकार्ड दो घंटे 20 मिनट शीर्षासन का था। उन्होंने इस बार अपना ही रिकार्ड तोड़ा। इसी तरह युवती वर्तिका ने मत्स्य, पूजा एवं सोनाली पटेल ने वज्र, विवेक ने सिद्धासन, सक्षम पटेल एवं शुभम पटेल ने चाटरव्हील, नीरज ने स्टेथिक, अनुराग ने पद्मासन, अरुण ने कर्णप्रिय, शिव कुमार ने ध्रुव आसन कर रिकार्ड स्थापित किया।
यह भी पढ़ें: योगी आदित्यनाथ दूर कर रहे उत्तर प्रदेश की बीमारी
योगासन और उसके लाभ
शीर्षासन : इसमें योगा करने वाला सिर के बल खड़ा होता है, इससे रक्त संचार उलटा होने लगता है और जहां कहीं भी रक्त संचार में ब्रेक होता है, वह ठीक हो जाता है।
सिंहासन : इस आसन में एक पैर ऊपर और एक नीचे कर पल्थी मारकर बैठा जाता है। आंख बंद कर देर तक इस ध्यान क्रिया को करने से इंसान प्रकृति से मिल जाता है।
पद्मासन : इसमें पल्थी मारकर बैठने के बाद दोनों पैर ऊपर करना होता है। इस योग से रीढ़ की हड्डी सीधी हो जाती है।
मत्स्य आसन : इसमें पद्मासन का रूप धारण करके लेट जाते हैं, ये महिलाओं के लिए अत्यधिक उपयोगी है। पेट की बीमारी एवं मासिक बीमारी के लिए काफी लाभप्रद है।
ध्रुव आसन : एक पैर मोड़कर दूसरे पैर पर खड़े होते हैं। इससे ये पता लगता है कि शरीर में कितनी क्षमता है।
कर्णप्रियासन : दोनों पैर पीछे ले जाकर कान के पास जमीन में टिका देते हैं। इससे गले की कोई भी बीमारी हो, ठीक हो जाती है। गले में जो लोग पïट्टा लगाए रहते हैं, उनका पïट्टा कुछ दिनों में ही उतर जाता है।
यह भी पढ़ें: रामरती ने पीएम मोदी को दिया बिटिया की शादी का न्यौता