जीएसटी में भी होंगे सर्वे-छापे
जागरण संवाददाता, कानपुर : गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) प्रणाली में भी सर्वे और छापे की प्रक्रिया
जागरण संवाददाता, कानपुर : गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) प्रणाली में भी सर्वे और छापे की प्रक्रिया अपनाई जाएगी किंतु इसमें इस कदम को उठाने में कुछ बंदिशें भी हैं।
जीएसटी में संयुक्त आयुक्त स्तर तक के अधिकारी को यदि यह पुख्ता सूचना उपलब्ध है कि करयोग्य कारोबार के दायरे में आने वाले कारोबारी या सेवा प्रदाता द्वारा वस्तुओं की सप्लाई या सेवा के मामलों को छिपाया गया है और विभाग में नहीं घोषित किया गया है। पात्रता से अधिक इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) का दावा किया गया है या अन्य किसी तरीके से करापवंचन में लिप्त है तो उसके यहां सर्वे या छापा जो भी उचित हो किया जा सकेगा।
वस्तुओें को जब्त भी कर सकेंगे
यदि कोई ट्रांसपोर्टर, वेयर हाउस एवं गोदाम संचालक या अन्य स्थान पर जहां वस्तुएं संरक्षित की जा रही हों और वह वस्तुएं कर चोरी की मंशा से रखी गई हों तथा बहीखातों में न दर्ज की गई हों तो ऐसे मामलों में अधिकारियों को उन परिसरों का सर्वेक्षण, छापे एवं वस्तुओं को जब्त करने की कार्रवाई के लिए अधिकृत किया जाएगा। इन अधिकारियों को बहीखाते, कागजात एवं अभिलेख उनकी जांच पड़ताल की कार्रवाई तक ही अपने पार रखने का अधिकार होगा।
øø सर्वेक्षण एवं छापे के समय किसी भी स्थान पर सील लगाकर परिसर के दरवाजों, अलमारी, बॉक्स या अन्य स्थान जहां पर वस्तुएं, बहीखाते, रजिस्टर या कागजात रखे गए हों या रखे जाने का अंदेशा हो तब उन्हें सील किया जा सकता है।
øø जिन व्यापार स्थलों का सर्वेक्षण किया जा रहा है, उन स्थानों को खोलकर या तोड़कर भी जांच की जा सकती है। उन व्यापार स्थलों में पाये गए सभी कागजातों की कापी सर्वेक्षण अधिकारी की उपस्थिति में व्यापारी द्वारा ली जा सकती।
øø जब्त की गई वस्तु के संबंध में यदि 60 दिन के अंदर अधिकारी द्वारा कोई नोटिस नहीं जारी जाती है तो उन वस्तुओं को व्यापारी को वापस करना होगा।
øø सक्षम अधिकारी यदि उचित एवं पर्याप्त कारणों के रहते संतुष्ट हैं तो अगले 60 दिन तक की समयावधि को बढ़ाया जा सकता है किंतु किसी भी दशा में इस कार्य के लिए यह अवधि छह माह से अधिक नहीं बढ़ाई जा सकती है।
øø जब्त की गई वस्तु यदि शीघ्र खराब होने की प्रकृति की है तो अधिकारी उसका निस्तारण शीघ्र करेंगे।
øø जब्त की गई वस्तुओं की सूची तैयार की जाएगी। क्रिमिनल प्रोसीजर कोड 1973 के प्रावधान ऐसे छापे एवं जब्ती के संबंध में यथास्थिति लागू एवं प्रभावी होंगे।
सचल दल जांच प्रक्रिया
केंद्र एवं प्रांत की सरकारों द्वारा रास्ते में परिवहन किए जा रहे 50 हजार रुपये से अधिक मूल्य के माल की जांच की जाएगी। माल के साथ ई वे बिल रखना होगा। वाहन चालक को अधिकारियों द्वारा गाड़ी रोके जाने पर समस्त कागजात एवं बिल आदि भी सत्यापन के लिए प्रस्तुत करने होंगे। असत्यापित एवं संतोषजनक न पाये जाने पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। वर्तमान में सचल दल की तर्ज पर ही व्यवस्था निर्धारित की गई है।
øø सचल दल द्वारा माल रोके जाने पर कागजात एवं परिवहन माल से संतुष्ट न होने पर संबंधित माल के स्वामी एवं वाहन चालक को कारण बताओ नोटिस जारी की जाएगी।
øø माल अवमुक्त करने के लिए टैक्स एवं अर्थदंड की धनराशि भी उस नोटिस में अंकित की जाएगी।
øø दाखिल स्पष्टीकरण संतोषजनक न पाये जाने पर टैक्स एवं अर्थदंड की धनराशि जमा कराने के बाद ही माल अवमुक्त किया जाएगा।
øø सचल दल द्वारा माल जब्त करने के बाद माल के स्वामी द्वारा करयोग्य वस्तु के संबंध में कर की धनराशि के बराबर अर्थदंड जमा कराने के बाद ही माल अवमुक्त किया जाएगा।
øø करमुक्त वस्तु के संबंध में माल के मूल्य का दो फीसद अथवा 25 हजार रुपये में से जो कम होगा, वही धनराशि माल के स्वामी द्वारा जमा कराने के बाद ही माल अवमुक्त किया जाएगा।
øø माल स्वामी के अतिरिक्त वाहन चालक या अन्य कोई व्यक्ति के मामले में टैक्स की धनराशि और अर्थदंड के रूप में माल के मूल्य की आधी धनराशि जमा कराने पर ही माल अवमुक्त होगा।