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क्लीनिक से दवा बेचने वाले डॉक्टर भी जीएसटी के दायरे में

जागरण संवाददाता, कानपुर : क्लीनिक से मरीजों को दवा बेचने वाले डॉक्टर भी जीएसटी के दायरे में आएंगे। व

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Jun 2017 01:00 AM (IST)Updated: Mon, 05 Jun 2017 01:00 AM (IST)
क्लीनिक से दवा बेचने वाले डॉक्टर भी जीएसटी के दायरे में

जागरण संवाददाता, कानपुर : क्लीनिक से मरीजों को दवा बेचने वाले डॉक्टर भी जीएसटी के दायरे में आएंगे। वर्ष में 20 लाख से अधिक की बिक्री पर उन्हें जीएसटी में पंजीयन कराना होगा। ऐसा न करने पर उनके खिलाफ जीएसटी के नियमों में कार्रवाई होगी। यह बात रविवार को कानपुर होम्योपैथी परिवार द्वारा शारदा नगर स्थित अभिनव होम्योपैथिक फार्मासिस्ट प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित जीएसटी कार्यशाला में मास्टर ट्रेनर व सहायक आयुक्त शैलेंद्र वाष्र्णेय ने कही।

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उन्होंने कहा कि जीएसटी का इससे मतलब नहीं है कि डॉक्टर अपने क्लीनिक से दवा बेच सकते हैं या नहीं, यह देखना सीएमओ का काम है। वे वर्ष में कितना माल कंपनी या डीलरों से खरीद रहे हैं यह सिस्टम खुद बता देगा। डॉक्टरों को अपनी खरीद और बिक्री के रजिस्टर रखने होंगे, ताकि जांच होने पर वे उसे दिखा सकें अगर उनकी बिक्री 20 लाख से कम है तो भी इतनी बड़ी धनराशि का भुगतान वे कैसे कर रहे हैं, इसकी जानकारी ली जा सकती है।

उन्होंने दवा विक्रेताओं से कहा कि 200 रुपये से ऊपर की दवा बिक्री पर टैक्स इनवाइस काटना है। इससे कम की राशि के लिए कैशमेमो छपवा सकते हैं जिस पर टिन नंबर हो। दिनभर कैशमेमो से हुई बिक्री को सिस्टम पर एक टैक्स इनवाइस बनाकर दिखा सकते हैं। इस मौके पर वाणिज्य कर के संयुक्त आयुक्त संतोष कुमार साहू, जिला होम्योपैथिक अधिकारी डॉ. बीएस चंदेल, अभिनव ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशन्स के चेयरमैन डॉ. एसएन श्रीवास्तव, कार्यक्रम संयोजक डॉ. बीएन आचार्य मौजूद थे।


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