विवेचक नहीं बता सके कब पकड़े गए आरोपी
जागरण संवाददाता, कानपुर : ज्योति हत्याकांड मामले में गवाही देने पहुंचे इंस्पेक्टर बचाव पक्ष के सवालो
जागरण संवाददाता, कानपुर : ज्योति हत्याकांड मामले में गवाही देने पहुंचे इंस्पेक्टर बचाव पक्ष के सवालों में उलझ गए। वह कोर्ट को यह नहीं बता सके कि हत्यारोपी कब गिरफ्तार किए गए थे।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजत सिंह जैन की अदालत में सोमवार को चर्चित ज्योति हत्याकांड की सुनवाई शुरू हुई। इस मामले में विवेचना करने वाले इंस्पेक्टर हरिशंकर मिश्र से बचाव पक्ष के अधिवक्ता सईद नकवी ने सवाल जवाब शुरू किए। विवेचक ने बताया कि चाबी और रुमाल बरामदगी का नक्शा अलग से नहीं है और न ही यह मेरी जानकारी में है। 30 जुलाई 2014 की शाम जब मै थाना मूलगंज में था तो सूचना मिली कि पूछताछ के लिए थाना स्वरूप नगर जाना है। 20 मिनट बाद मैं थाने पहुंच गया। थाने की हवालात में रेनू, सोनू और आशीष तीनों मिले, जिनको लेकर पुलिस टीम के साथ पनकी पहुंचे थे। स्वरूप नगर थाने से यह दूरी लगभग 11 किमी है। आरोपियों के बताने के अनुसार ही बरामदगी हुई। माल जहां से बरामद हुआ, वहीं अलग-अलग सील किया गया था। पुलिस कागजों के अनुसार रेनू, सोनू और आशीष की गिरफ्तारी 31 जुलाई 2014 की रात 11.50 बजे हुई थी या नहीं, मैं जीडी देखकर बता सकता हूं। जिसके बाद बचाव पक्ष की ओर से जीडी मंगवाने की गुजारिश कोर्ट से की गई। अभियोजन की ओर से अधिवक्ता दामोदर मिश्र और धर्मेंद्र पाल सिंह ने कहा कि जीडी कोर्ट में ही है। न्यायालय ने अगली सुनवाई के लिए 12 जून की तारीख तय कर दी। सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेंद्र प्रताप सिंह, कमलेश पाठक, सुरेश सिंह चौहान, अहमद अली उपस्थित रहे।