कार्डियोलॉजी में पहले जांच फिर मिलेगा परामर्श
जागरण संवाददाता, कानपुर : कभी पर्चे पर दवाओं का नाम पढ़ने में दिक्कत तो कभी ओपीडी में परामर्श के लिए
जागरण संवाददाता, कानपुर : कभी पर्चे पर दवाओं का नाम पढ़ने में दिक्कत तो कभी ओपीडी में परामर्श के लिए घंटों इंतजार। कार्डियोलॉजी में मरीजों को होने वाली ऐसी तमाम दिक्कतों से जल्द ही निजात मिलने वाली है। कार्डियोलॉजी में बनाई जा रही नई ओपीडी में पहले मरीजों की सभी जांचें होंगी फिर उन्हें डॉक्टर के पास परामर्श के लिए भेजा जाएगा।
अब तक की व्यवस्था में मरीज को कई बार डॉक्टर के पास चक्कर लगाना पड़ता है। नई व्यवस्था में मरीज के ब्लड प्रेशर, हीमोग्लोबिन और ईसीजी की जांच पहले ही करा ली जाएगी ताकि रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर इलाज शुरू कर सकें। इसके अलावा डॉक्टर मरीजों को दवाओं के नाम उनके पर्चे पर कम्प्यूटर से प्रिंट करके देंगे। इससे एमसीआइ (मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया) के निर्देशों का पालन होने के साथ ही दवाओं के नाम न पढ़ पाने की दिक्कत भी दूर हो जाएगी। एमसीआइ के निर्देश हैं कि डॉक्टर दवा के नाम का पहला अक्षर कैपिटल लिखें ताकि मरीज और मेडिकल स्टोर संचालक आसानी से पढ़ सकें। नई ओपीडी बनाने का जिम्मा एमएचपीएल कंपनी को दिया गया है। कंपनी के प्रबंध निदेशक पीयूष अग्रवाल ने बताया कि सितंबर तक प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य है लेकिन जुलाई तक काम पूरा हो जाएगा। इस संबध में कार्डियोलॉजी के निदेशक के साथ बीते सोमवार को बैठक भी हो चुकी है।
तीन वेटिंग एरिया
कार्डियोलॉजी संस्थान में प्रदेश भर के शहरों से रोजाना 600-700 मरीज ओपीडी में आते हैं। इससे ओपीडी में जगह कम पड़ जाती है। नई ओपीडी में तीन वेटिंग एरिया बनाए जा रहे हैं। पहले वेटिंग एरिया में सभी तरह के मरीज रहेंगे। दूसरे वेटिंग एरिया में कार्डियोलॉजी और सीवीटीएस (कार्डियो वेस्कुलर ऑफ थोरेसिक सर्जरी) के मरीज रहेंगे। तीसरे वेटिंग एरिया में वह मरीज होंगे जिनकी जांच हो चुकी होगी। तीनों वेटिंग एरिया में पब्लिक एड्रेस सिस्टम के जरिये नाम से बुलाया जाएगा ताकि डिस्प्ले पर नाम व नंबर न पढ़ पाने वालों को राहत मिल सके।
सीवीटीएस की ओपीडी भी लगेगी
अब तक लोड अधिक होने के कारण सीबीटीएस की ओपीडी नियमित नहीं है। अभी सोमवार और शनिवार को दो बजे से चार बजे तक चलती है। नई ओपीडी बनने के बाद नियमित रूप से सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक चलेगी। अभी दो दिन ओेपीडी में 900 से 1000 मरीज आते हैं।
जुलाई तक तैयार हो जाएगी बिल्डिंग
अत्याधुनिक वातानुकूलित ओपीडी को बनाने में 834 लाख रुपये खर्च होंगे। जुलाई माह के मध्य तक यह बिल्डिंग तैयार हो जाएगी। लोगों के जूते-चप्पल से धूल व गंदगी अंदर न आए इसके लिए विशेष मशीन होगी, जिस पर पैर रखते ही मशीन गंदगी को अपनी तरफ खींच लेगी।
----------
जुलाई के मध्य तक अत्याधुनिक ओपीडी की शुरुआत हो जाएगी। इससे शहर ही नहीं बल्कि प्रदेश भर से आने वाले मरीजों को और बेहतर इलाज उपलब्ध हो सकेगा।
-डा. विनय कृष्णा, डायरेक्टर, कार्डियोलाजी