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आनंद के साथ चित्र बनाइए, जीवंत बनेगा

जागरण संवाददाता, कानपुर: चित्रकला आनंद का विषय है, यह सृजन की विधा है। किसी व्यक्ति का चित्र बनाना ह

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 May 2017 01:00 AM (IST)Updated: Mon, 22 May 2017 01:00 AM (IST)
आनंद के साथ चित्र बनाइए, जीवंत बनेगा
आनंद के साथ चित्र बनाइए, जीवंत बनेगा

जागरण संवाददाता, कानपुर: चित्रकला आनंद का विषय है, यह सृजन की विधा है। किसी व्यक्ति का चित्र बनाना हो तो उसे आनंद के साथ बनाइए, जीवंत बनेगा। पोट्रेट बनाने की बारीकियां काशी विद्यापीठ चित्रकला विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सुनील विश्वकर्मा ने ग्रीष्मकालीन चित्रकला शिविर में बताईं। शिविर राज्य ललित कला अकादमी उत्तर प्रदेश व संस्कार भारती कानपुर प्रांत के तत्वावधान में बीएनएसडी बालिका विद्यालय मेस्टन रोड में हुआ।

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डॉ. सुनील ने कहा कि चित्र बनाते समय चेहरे को तीन भागों में बांट लें। पहले मस्तिष्क, फिर आंख, नाक उसके बाद होंठ और ठोड़ी का स्केच बनाएं। चेहरे के उभरे हिस्से के लिए प्रकाश और दबे हिस्से पर छाया अंकित करें। संचालन डॉ. प्रेम कुमारी मिश्र व आभार डॉ.दीपा पाठक ने व्यक्त किया। इस दौरान श्री ब्रह्मावर्त सनातन धर्म महामंडल के उपाध्यक्ष भागवत प्रसाद शर्मा, संस्कार भारती कानपुर प्रांत की अध्यक्षा डॉ. गीता मिश्रा, डॉ. अजय पाठक, डॉ. हरिभाऊ खांडेकर, प्रशांत पांडेय, राजकुमार सिंह, उपमा त्रिवेदी आदि मौजूद रहे।


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