माल के साथ रखना होगा ई वे बिल
जागरण संवाददाता, कानपुर : पहली जुलाई से प्रस्तावित जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) में कर अपवंचना रो
जागरण संवाददाता, कानपुर : पहली जुलाई से प्रस्तावित जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) में कर अपवंचना रोकने के लिए माल ढोने वाले ट्रांसपोर्टर्स को भी रजिस्ट्रेशन कराना होगा ताकि माल के परिवहन में निगाह रखी जा सके। 50 हजार से अधिक मूल्य के माल को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने से पहले ट्रांसपोर्टर्स को इलेक्ट्रानिक वे (ई वे) बिल रखना होगा।
कर विशेषज्ञ ने बताया कि जीएसटीएन नेटवर्क वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन के बिना राज्य के अंदर अथवा राज्य के बाहर माल का परिवहन करने में ई वे बिल नहीं निकाला जा सकेगा। ई वे बिल माल के प्रेषक अथवा प्राप्तकर्ता व्यापारी अथवा ट्रांसपोर्टर द्वारा विभागीय वेबसाइट से जनित हो जाएगा। यूनिक ई वे बिल नंबर जीएसटी के कॉमन पोर्टल से जनित होगा। उन्होंने कहा कि ई वे बिल 24 घंटे के अंदर कैंसिल भी किया जा सकता है। शर्त है कि रास्ते में सत्यापित न किया गया हो। दूरी के अनुसार उसके वैध समय की मान्यता प्राप्त होगी। किलोमीटर के आधार पर ई वे बिल एक दिन से 15 दिन तक वैध रहेगा।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यदि सौ किलोमीटर तक माल का परिवहन होता है तो एक दिन का समय दिया जाएगा। यदि एक हजार किलोमीटर से ज्यादा माल के ढोने की दूरी है तो 15 दिन का समय दिया जाएगा। आपूर्तिकर्ता को एक रजिस्ट्रेशन नंबर जारी किया जाएगा। साथ ही रजिस्ट्रेशन नंबर ट्रांसपोर्टर को भी जारी किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि ऐसे प्रावधान जीएसटी नियमावली के ड्राफ्ट बिल में निर्धारित किए जा रहे हैं। ट्रांसपोर्टर को यह रिकार्ड अपने साथ रखना होगा। बिल के रूप में रख सकते हैं। यदि वाहन में रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस (आरएफआइडी) लगी है तो इलेक्ट्रानिक मोड में भी यह बिल रखे जा सकेंगे। रास्ते में सचल दल या टैक्स के अधिकारी परिवहन के दौरान कहीं भी चेक कर सकेंगे। अधिकारियों को ई वे बिल की हार्ड कापी या इलेक्ट्रानिक मोड में इसे दिखाना होगा।
जीएसटी की नियमावली निर्धारित की जा रही है। इसकी मंशा कर अपवंचना रोकना है। जांच के लिए वाहन रोकने का समय निर्धारित कर दिया गया है। यदि अधिक समय तक वाहन रोका जाता है तो ट्रांसपोर्टर इसकी सूचना जीएसटीएन सर्वर पर दे सकता है। अधिकारी टैक्स चोरी की सूचना पर कार्रवाई करेंगे। वाहन चेक करने वाले अधिकारी 24 घंटे के भीतर विभाग को रिपोर्ट देंगे और एक बार वाहन चेक होने के बाद सामान्य तौर पर दोबारा चेक नहीं किया जाएगा जब तक कर चोरी की सूचना उपलब्ध न हो।
संतोष गुप्ता, वरिष्ठ कर सलाहकार