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बगास की नमी कम करने से बढ़ेगा बिजली उत्पादन

- गन्ने की खोई (बगास) की नमी कम करने की तकनीक पर विशेषज्ञों का मंथन - राष्ट्रीय शर्करा संस्थान की

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Apr 2017 10:07 PM (IST)Updated: Mon, 17 Apr 2017 10:07 PM (IST)
बगास की नमी कम करने से बढ़ेगा बिजली उत्पादन

- गन्ने की खोई (बगास) की नमी कम करने की तकनीक पर विशेषज्ञों का मंथन

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- राष्ट्रीय शर्करा संस्थान की कार्यशाला में जुटे देश भर के तकनीकीविद्

जागरण संवाददाता, कानपुर : गन्ने की खोई (बगास) की नमी कम करने से चीनी मिलें बिजली उत्पादन बढ़ा सकती हैं। ये नमी कम कैसे होगी? इसकी अलग-अलग तकनीक पर रविवार को राष्ट्रीय शर्करा संस्थान की कार्यशाला में जुटे देशभर से जुटे विषय विशेषज्ञों ने विचार मंथन किया।

एनएसआइ के सेमिनार हॉल में 'बगास मॉइश्चर रिडक्शन टेक्नोलॉजिकल ऑप्शन' विषय पर कार्यशाला आयोजित की गई। संस्थान के निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन ने अतिथियों के स्वागत के साथ तकनीकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विभिन्न तकनीकों द्वारा खोई में नमी के प्रतिशत को कम करने की महती आवश्यकता है। सामान्यत: खोई में 50 प्रतिशत नमी होती है। यदि उसको 42 प्रतिशत के स्तर तक लाया जाए तो चीनी मिलें लगभग 2000 मेगावाट अतिरिक्त बिजली का उत्पादन कर सकती हैं। इस विधि द्वारा 5000 टीसीडी की एक चीनी मिल लगभग 1.6 मेगावाट की दर से अधिक विद्युत का उत्पादन कर एक पेराई सत्र में 3.0 करोड़ प्रतिवर्ष की अतिरिक्त आमदनी प्राप्त कर सकेगी। इस तकनीक को मिल में स्थापित करने की लागत लगभग पांच करोड़ आती है, जो कि दो पेराई सत्र में ही विद्युत निर्यात से वसूल हो जाएगी।

डालमिया भारत इंडस्ट्रीज लि. (शुगर डिवीजन) के सलाहकार जेके गुप्ता ने बगास ड्राइंग की तकनीक के उपयोग पर जोर दिया। पारंपरिक चीनी मिलों को रिफाइंड शुगर यूनिट में बदलने की आवश्यकता बताई। इससे सतत लाभ मिलेगा। तकनीकी सत्र में केसीपी चेन्नई, जेपी मुखर्जी एसोसिएट्स पुणे, मै. इनवायरोपोल एंड डेट्स नई दिल्ली और मै. एनमिल नोएडा ने अपनी-अपनी तकनीक का प्रेजेंटेशन दिया।

संस्थान के आचार्य शर्करा अभियांत्रिकी, डॉ. स्वेन ने वर्तमान परिस्थितियों में विद्युत उत्पादन एवं बगास में नमी दूर करने के बाद विद्युत उत्पादन की क्षमता के बारे में रिपोर्ट पेश की। उन्होंने केन्या में स्थित चीनी मिलों को संस्थान द्वारा दिए जा रहे तकनीकी परामर्श के बारे में भी बताया।


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