सस्ता सामान दिखाने के लिए लगाते सर्विस चार्ज
जागरण संवाददाता, कानपुर : अपने प्रतिष्ठान में मिलने वाली खाद्य सामग्री को सस्ता दिखाने के लिए तमाम र
जागरण संवाददाता, कानपुर : अपने प्रतिष्ठान में मिलने वाली खाद्य सामग्री को सस्ता दिखाने के लिए तमाम रेस्टोरेंट मालिक सर्विस चार्ज लेते हैं। वैसे रेस्टोरेंट वाले तमाम सरकारी खर्चो से निपटने के लिए भी सर्विस चार्ज लगाते हैं। कुछ भी हो, ग्राहकों को तो चूना लगा ही दिया जाता है। रेस्टोरेंट मालिक भी कहते हैं कि वे सर्विस चार्ज नहीं लेना चाहते, लेकिन बाकी टैक्स भी तो कम किए जाएं ताकि रेस्टोरेंट कारोबार चल तो सके।
रेस्टोरेंट में कोल्ड ड्रिंक, काफी के साथ स्नैक्स लेने के बाद जब उसका बिल मिलता है तो अधिकांश रेस्टोरेंट में सबसे नीचे सर्विस चार्ज भी जोड़ दिया जाता है। यह 10 फीसद तक होता है। रेस्टोरेंट में ज्यादातर युवा ही जाते हैं। प्रिंटिंग मैटेरियल कारोबारी निखिल गुप्ता का कहना है कि सर्विस चार्ज लेना एक तरह से जेब काट लेना है। गद्दा कारोबारी विनायक पोद्दार के अनुसार खाने-पीने पर हुए खर्च के अलावा जब यह चार्ज लिया जाता है तो हर वस्तु की कीमत बढ़ जाती है।
सर्विस चार्ज के मैं भी खिलाफ हूं, लेकिन सरकार को रेस्टोरेंट के ऊपर लगने वाले टैक्स भी कम किए जाने चाहिए। रेस्टोरेंट में फूड पर 25 फीसद तक टैक्स लग रहा है।
- विजय पंडित, प्रदेश उपाध्यक्ष, यूपी होटल, रेस्टोरेंट एसोसिएशन।
कानपुर में सर्विस चार्ज उतना नहीं लिया जाता जितना कि टूरिस्ट प्लेस और बड़े शहरों में लिया जाता है। टैक्स को कम किया जाना चाहिए। पिज्जा, बर्गर खाने आए बच्चों की थाली पर भी टैक्स लगा होता है।
राजकुमार भगतानी, महामंत्री, कानपुर होटल, रेस्टोरेंट, गेस्ट हाउस एसोसिएशन।