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धूल और धुएं में जकड़ा शहर

जागरण संवाददाता, कानपुर : कारोबार के लिए सेहत से समझौता ठीक नहीं, सुप्रीम कोर्ट की ये टिप्पणी यूं ही

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Mar 2017 01:32 AM (IST)Updated: Thu, 30 Mar 2017 01:32 AM (IST)
धूल और धुएं में जकड़ा शहर
धूल और धुएं में जकड़ा शहर

जागरण संवाददाता, कानपुर : कारोबार के लिए सेहत से समझौता ठीक नहीं, सुप्रीम कोर्ट की ये टिप्पणी यूं ही नहीं है। कानपुर की ही बात करें तो यहां सड़क पर गाडि़यां ही गाड़ियां दिखती हैं और जिंदगी धुआं धुआं सी। सड़क पर दौड़ती बेतरतीब और बेहिसाब गाड़ियां न केवल गैसों की मात्रा बढ़ा रहीं बल्कि वातावरण को धूल के गुबार से ढंक रही हैं। कानपुर में मानक से ढाई गुना अधिक धूल के कण हैं और रामादेवी चौराहे की बात करें तो यहां साढ़े तीन गुना। भारत स्टेज तीन की गाडियां करीब दस साल पुरानी हो गई हैं और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि गाड़ी जितनी पुरानी होगी, कार्बन उत्सर्जन उतना बढ़ जाएगा। कानपुर में भारत स्टेज दो और भारत स्टेज तीन की दस लाख से अधिक गाड़ियां सड़कों पर दौड़ रही हैं।

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कानपुर में प्रदूषण का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि यहां पर औसत मात्रा मानक की तीन गुना है। कहने को मानीट¨रग हो रही लेकिन प्रदूषण कम करने की कवायदें फेल साबित होती रहीं है। ऐसे में भारत स्टेज फोर के वाहन आने से प्रदूषण कम होने की आशा की जा सकती है।

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रामादेवी चौराहे सबसे अधिक प्रदूषित

बानगी के तौर पर रामादेवी चौराहे की स्थिति देखें, तो यहां रोजाना हजारों वाहन निकलते हैं। वहीं राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने फरवरी माह की जो रिपोर्ट अपनी वेबसाइट पर जारी की। उसमें यहां वायु प्रदूषण की मात्रा तय मानक ( पीएम 10 की मात्रा 100 माइक्रोग्राम प्रति मीटर क्यूब) से लगभग साढ़े तीन गुना ज्यादा निकली।

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फरवरी माह में यह रही मात्रा

स्थान पीएम 10 की मात्रा

किदवई नगर 210.2

जरीब चौकी 243.2

पनकी साइट-1 264.9

शास्त्री नगर 228.9

आवास विकास 221.0

दादानगर 239.2

आइआइटी कैंपस 147.1

रामादेवी 346.2

(मात्रा माइक्रोग्राम प्रति मीटर क्यूब में)

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10 साल पुराने वाहनों से खतरा

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार दस साल से पुराने वाहनों का धुंआ शहर की आबोहवा में जहर घोल रहा।

धुंए से निकलती हैं यह गैसें

- नाइट्रोजन आक्साइड

- हाइड्रोकार्बन

- कार्बन मोनो आक्साइड

- सल्फर डाइ आक्साइड

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यहां हैवी ट्रैफिक : नौबस्ता चौराहा, बर्रा बाइपास, गुमटी गुरूद्वारा चौराहा, बड़ा चौराहा, फूलबाग, फजलगंज, कल्याणपुर क्रासिंग आदि।

कोर्ट का जो आदेश होगा, उसका अनुपालन करेंगे। बीआइएस-3 वाले वाहनों की बिक्री पर रोक लगती है तो जांच टीम गठित कर ऐसे वाहनों का आंकड़ा जुटाएंगे।

डॉ.मोहम्मद सिकंदर, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

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एक अप्रैल से ऐसे वाहनों की बिक्री पर रोक लगा दी गई है जो भारत स्टेज 4 का मानक नहीं पूरा करते हैं। लोग भी ऐसे ही वाहन खरीदें जो यूरो 4 मानक के हों। अन्यथा रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकेगा।

प्रभात पांडेय, एआरटीओ (प्रशासन)


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