संजीव को कहीं जान का खतरा तो नहीं
जागरण संवाददाता, कानपुर : देश को सैकड़ों इंजीनियर और अफसर देने वाले कोचिंग संचालक संजीव दयाल को कहीं
जागरण संवाददाता, कानपुर : देश को सैकड़ों इंजीनियर और अफसर देने वाले कोचिंग संचालक संजीव दयाल को कहीं जान का खतरा तो नहीं था। करीबी तो यही आशंका जता रहे हैं। परिवार के करीबी डा. एसके वैश्य ने बताया कि तीन साल पहले भी संजीव ने अपनी जान का खतरा बताकर खुद को फ्लैट में बंद कर लिया था। हालांकि पत्नी के भी फ्लैट में बंद होने पर डॉ. वैश्य ने आश्चर्य जताया।
तीन दिन पहले पालीटेक्निक चौराहा स्थित ट्विन टॉवर में अपने फ्लैट में बेहोश मिले संजीव व उनकी पत्नी विद्या दयाल की हालत में सुधार है। बुधवार को एलएलआर (हैलट) अस्पताल के आइसीयू में उनकी देखभाल के लिए कई पुराने छात्र-छात्राएं पहुंचे। उनसे मिलने आए सीनियर डेयरी कंसल्टेंट डा. एसके वैश्य ने बताया कि वे संजीव के पिता सीएम दयाल के मित्र हैं और वर्ष 1972 से संजीव से जुड़े हैं।
डा. वैश्य ने बताया कि तीन साल पहले भी संजीव ने खुद को घर में कैद कर लिया था। वह डिप्रेशन में थे। अपनी जान को खतरा बता रहे थे। कई दिन बाद नार्मल हुए थे। चूंकि उनके संपत्ति विवाद भी चल रहे हैं। हो सकता है कि किसी ने उन्हें धमकी दी हो। लेकिन संजीव और उनकी पत्नी दोनों के फ्लैट में बंद मिलने की बात गले नहीं उतर रही। अगर संजीव डिप्रेशन में थे तो पत्नी उन्हें संभाल सकती थीं।
उधर, पुलिस ने अभी तक मामले में जांच शुरू नहीं की। पुलिस ने न तो किसी के बयान लिए और न ही सीसीटीवी फुटेज देखे। सीसीटीवी फुटेज से कई राज खुल सकते थे। सीओ संजीव दीक्षित ने बताया कि वह बाहर हैं। लौट कर मामले को देखते हैं।
--
पिता थे बिजली विभाग में एसई, मां बैंक मैनेजर
डा. एसके वैश्य ने बताया कि संजीव दयाल के पिता सीएम दयाल केसा में अधीक्षण अभियंता और मां सर्वोदय नगर के मर्केटाइल बैंक की पहली मैनेजर थीं। संजीव मूलरूप से पटना के हैं। उनके दादा आयकर कमिश्नर और नाना पटना हाईकोर्ट में जज थे। वहां उनकी करोड़ों की पैतृक संपत्ति है।
--
संपत्ति विवाद के हैं कई मामले
संजीव दयाल अपनी और पैतृक संपत्ति के बाबत कई मुकदमे लड़ रहे हैं। आर्यनगर में खोली गई कोचिंग, शहर में खरीदी कुछ प्रापर्टी पर भी विवाद चल रहा है। मारपीट और धमकी के मामले भी हुए। जिस पर कल्याणपुर थाने में रिपोर्ट हुई थी।
--
बहन का फोन आया
अमेरिका में रह रही संजीव की इकलौती बहन शिल्पा अब तक कानपुर नहीं पहुंच पाईं। डा. एसके वैश्य ने बताया कि उनका फोन आया था। उन्होंने भाई-भाभी का हालचाल जाना और टिकट कन्फर्म न होने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एक दो दिन में वे कानपुर पहुंच जाएंगी।