'मेरा बेटा रन खाता और विकेट लाता है'
जागरण संवाददाता, कानपुर : हीरे की परख जौहरी ही कर सकता है। कुलदीप के पिता खिलाड़ी रहे राम सिंह यादव क
जागरण संवाददाता, कानपुर : हीरे की परख जौहरी ही कर सकता है। कुलदीप के पिता खिलाड़ी रहे राम सिंह यादव की भूमिका भी कुछ उसी जौहरी की तरह ही उभरकर सामने आई और कुलदीप को चाइनामैन गेंदबाज बना दिया। पहले टेस्ट मैच में कुलदीप का प्रदर्शन देखकर राम सिंह ने बेटे पर गर्व करते हुए कहा कि मेरा बेटा रन खाता है और विकेट लाता है।
कुलदीप के पिता राम सिंह यादव जो कि अपने स्कूल कालेज स्तर में क्रिकेट खेलते थे। स्कूल कालेज के दौरान उनकी भी गिनती अच्छे खिलाड़ी के रूप में होती थी। जब उन्होंने अपने घर में भी एक खिलाड़ी बढ़ता देखा तो उसको तराशने में जुट गए। पिता अपने व्यवसाय के ऊपर इकलौते बेटे के भविष्य को लेकर संजीदा हो गए। दस वर्ष की उम्र में ही क्रिकेट की कोचिंग लगवा दी। छोटे से कुलदीप को ग्राउंड पर लाना ले जाना उसका हौसला बढ़ाने के साथ ही घर में कोच की भूमिका में आ गए। सुबह आठ बजे से दो बजे तक कुलदीप स्कूल जाता। घर पर कुछ देर रुककर फिर तीन बजे से सात बजे तक अभ्यास के लिए रोवर्स क्लब ग्राउंड पर चला जाता था। कुलदीप तीन बहनों मधू, अमिता और अनुष्का में इकलौते और तीसरे नंबर के हैं। जब उनसे पूछा गया कि धर्मशाला में कुलदीप के प्रदर्शन को देखकर कैसा लगा तो बोले, मेहनत का फल मिल गया। उसे मौका देर से मिला लेकिन जब मिला तब वह देश के विश्वास पर खरा उतरा।