मरीज दवा खा रहा है कि नहीं, चल जाएगा पता
जागरण संवाददाता, कानपुर : डाक्टरों को मरीजों की दवा की हर खुराक की जानकारी हो जाएगी। वह समय पर दवाएं
जागरण संवाददाता, कानपुर : डाक्टरों को मरीजों की दवा की हर खुराक की जानकारी हो जाएगी। वह समय पर दवाएं ले रहा है कि नहीं उसका भी पता चल जाएगा। स्वास्थ्य विभाग नया पोर्टल लांच करने जा रहा है। इसमें इलाज कराने वाले की पूरी डिटेल रहेगी। मरीजों को बस गोली, कैप्सूल खाने के बाद टोल फ्री नंबर पर मिस कॉल करना होगा। उसका रिकार्ड अपने आप ही पोर्टल में दर्ज हो जाएगा। शुरुआत टीबी और एड्स के इलाज से हो रही है। मरीजों को खास तरह की दवाएं डॉट्स और एआरटी सेंटरों से मिलेंगी। कॉल न होने पर रिकार्ड अपडेट नहीं होगा। डाक्टर और मेडिकल स्टाफ मरीज के रजिस्टर्ड नंबर पर फोन करके पूछताछ कर सकेंगे। टीबी मरीजों के लिए डॉट्स (डायरेक्टली ऑब्जवर्ड ट्रीटमेंट शार्ट कोर्स), डीएमसी (डेजिग्नेटेड माइक्रोस्कोपिक सेंटर) और एड्स मरीजों के लिए एआरटी (एंटी रिट्रोवायरल थेरेपी) सेंटर से दवाएं निशुल्क मिल रही हैं।
कैसे मिल रहा रिकार्ड
ऐसे मरीजों की सूची बनाई गई है, जिन्हें एड्स के साथ ही टीबी की बीमारी भी हो गई। डॉट्स, डीएमसी और एआरटी सेंटर से उन्हें दवाएं दी जाती हैं। वहां का स्टाफ रिकार्ड को जिला क्षय रोग विभाग को भेजेगा। विभाग के कर्मी उसे पोर्टल में अंकित करेंगे। कानपुर में अब तक ऐसे 38 मरीजों की लिस्ट बनाई गई है।
देश के किसी भी कोने से मिलेगी जानकारी
पोर्टल से देश के किसी भी कोने से एड्स और टीबी के मरीजों के इलाज का पता चल जाएगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इलाज कर रहे डाक्टर से पूछताछ कर सकेंगे।
कंपनियां लिख रहीं टोल फ्री नंबर
मरीजों को मिलने वाली दवाओं पर टोल फ्री नंबर लिखा रहेगा। कंपनियों को नंबर अंकित करने के लिए पहले ही निर्देशित कर दिया गया है।
ग्राफ और रंगबिरंगे रहेंगे बाक्स
पोर्टल में मरीज के दवा खाने की स्थिति और हर माह का रिकार्ड ग्राफ व रंग बिरंगे बाक्स के रूप में दर्शाया जाएगा।
पोर्टल में मरीजों की डिटेल से उनके दवा खाने और न खाने का पता चल जाएगा। उसके परिजनों से भी संवाद किया जा सकेगा।
- डा. एके सिंह, डिप्टी सीएमओ