राम मंदिर का मसला बाहर न सुलझा तो कोर्ट से न्याय अपेक्षित : रामनाईक
जागरण संवाददाता, कानपुर : प्रदेश सरकार का गठन होने के बाद राम मंदिर का मसला फिर गर्माने लगा है। सुप्
जागरण संवाददाता, कानपुर : प्रदेश सरकार का गठन होने के बाद राम मंदिर का मसला फिर गर्माने लगा है। सुप्रीम कोर्ट के इस मसले को आपस में सुलझाने के सुझाव का राज्यपाल रामनाईक ने स्वागत करते हुए बात न बनने पर कोर्ट से न्याय की अपेक्षा की है। सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के थाने में जाने की पहल को बेहतर कदम बताते हुए राज्यपाल ने सुशासन के संकेत दिए। वे गुरुवार को चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) के 18वें दीक्षा समारोह में बतौर अध्यक्ष शिरकत करने आए थे।
प्रदेश के लिए मुख्यमंत्री का दायित्व 24 घंटे रहता है। सचिवालय के बाद निरीक्षण के लिए मुख्यमंत्री का थाने पहुंचना अच्छा कदम है। बूचड़खाने को बंद किए जाने के सवाल का जवाब देते हुए हुए रामनाईक ने कहा कि जो बूचड़खाने मानक का पालन नहीं कर रहे हैं उन्हें बंद किया जा रहा है। सरकार का यह अच्छा कदम है। साथ ही सही रास्ते पर चलने वाले बूचड़खानों को अपनी बात रखने का मौका भी सरकार दे रही है। जहां तक नई सरकार के वादों का सवाल है तो उसने उनको अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है। मंत्रियों ने अच्छे ढंग से अपना काम शुरू किया है। राज्यपाल ने बताया कि चुने गए मंत्रियों को चाय पार्टी पर बुलाने का उद्देश्य भी यही था कि उनकी जिम्मेदारियों पर चर्चा की जाए। 30 मार्च को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। सभाकक्ष का संचालन ठीक तरह हो, इसका ध्यान सभी को रखना होगा। विपक्ष को अपनी बात कहने का अधिकार मिले। प्रदेश के विकास के लिए सरकार के निर्णय को व्यवहार में लाने का रास्ता खुला रहे।
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519 छात्र-छात्राओं को उपाधि, 37 को पदक :
सीएसए के दीक्षा समारोह में बीएससी, एमएससी व पीएचडी के 519 छात्र छात्राओं को राज्यपाल ने उपाधि प्रदान की। इनमें 37 मेधावियों को कुलाधिपति स्वर्ण, विश्वविद्यालय रजत, विश्वविद्यालय कांस्य, विश्वविद्यालय बुक प्राइज पुरस्कार प्रदान किए गए। समारोह में अव्यवस्था को लेकर राज्यपाल ने नाराजगी जताते हुए खुद माइक थाम लिया। छात्रों के नाम बुलाए जा रहे थे, लेकिन उनके प्रमाण पत्र मंच पर नहीं थे। आखिरकार उन्हें कहना पड़ा कि अगर उपाधि बंट चुकी हो तो मैं बैठ जाऊं। समारोह के दौरान मुख्य अतिथि रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डा. पंजाब सिंह, सीएसए कुलपति प्रो. सुशील सोलोमन, कुलसचिव प्रो. राजेंद्र सिंह, सीएसजेएमयू कुलपति प्रो. जेवी वैशम्पायन, एचबीटीयू कुलपति प्रो. एमजेड खान समेत अन्य शिक्षक व छात्र छात्राएं मौजूद थे।