सेटेलाइट से होगा पानी व मिट्टी का निरीक्षण
जागरण संवाददाता, कानपुर : इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) अब सेटेलाइट के जरिए पानी व मिट्टी
जागरण संवाददाता, कानपुर : इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) अब सेटेलाइट के जरिए पानी व मिट्टी का निरीक्षण करेगा। इसके बाद उनके नमूने संग्रह कर यह पता लगाएगा कि किन क्षेत्रों की मिट्टी में क्या गुण है व कहां-कहां पर पानी की गुणवत्ता बेहतर है। जनसंख्या बढ़ने के साथ पानी व ऊर्जा व अन्य संसाधनों की जरूरत भी देश में लगातार बढ़ रही है। जिनकी पूर्ति के लिए भारत सरकार के अलग-अलग विभागों के लिए इसरो काम कर रहा है। आइआइटी के टेक्नोफेस्ट टेककृति-2017 के उद्घाटन समारोह के दौरान इसरो चेयरमैन एएस किरन कुमार ने भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का मीडिया पार्टनर दैनिक जागरण रहा।
इसरो 65 सरकारी विभागों के लिए काम कर रहा है जबकि पहले 18 से 20 विभागों थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के बाद यह बदलाव आया है। इसरो अब सेटेलाइट मैपिंग व ई-गवर्नेस समेत दो दर्जन से अधिक क्षेत्रों में काम कर रहा है। मिट्टी व पानी के परीक्षण के अलावा समुद्र के अंदर की जानकारी लेने के लिए भी इसरो में काम चल रहा है। कल के महान भारत की तस्वीर खींचने के लिए इसरो उन समस्याओं का हल तलाश रहा है जिसके हल होने के बाद देश का विकास और तेजी से होगा।
25 साल पहले जमीन किस काम में आती थी बताएगा भुवन :
वर्षो पहले जमीन में क्या काम होता था इसकी जानकारी इसरो का भुवन जियो स्पेशल सॉफ्टवेयर देगा। यह सॉफ्टवेयर 25 साल पहले के किसी भी जमीन पर किए जाने वाले काम, किसी भी इमारत के अंदर की पुरानी जानकारी व आसपास के क्षेत्रों के बारे में बता सकता है।
सेटेलाइट की क्षमता बढ़ी :
सेटेलाइट को और क्षमतावान बनाने में इसरो ने सफलता पाई है। पहले सेटेलाइट दो टन की हुआ करती थीं अब उनका वजन चार टन का होने लगा है। फरवरी में इसरो ने 104 सेटेलाइट भेजी थीं जिसमें तीन भारत की, 96 अमेरिका की व पांच अन्य देशों की थीं। एक प्रश्न के जवाब में इसरो चेयरमैन एएस किरन कुमार ने कहा कि अपने रॉकेट से सेटेलाइट भेजने का लाभ यह होता है कि उससे उसकी गति का पता चल जाता है। व्याख्यान के दौरान निदेशक प्रो. इंद्रानिल मन्ना व डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. एआर हरीश समेत अन्य शिक्षक व छात्र मौजूद थे।