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'शादी में डीजे बजा दूसरों को परेशान नहीं करें'

जागरण संवाददाता, कानपुर : सुन्नत-ए-फातिमा जहरा पर अमल करते हुए शादी व अन्य समारोह में फिजूलखर्ची रोक

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Mar 2017 01:01 AM (IST)Updated: Tue, 21 Mar 2017 01:01 AM (IST)
'शादी में डीजे बजा दूसरों को परेशान नहीं करें'

जागरण संवाददाता, कानपुर : सुन्नत-ए-फातिमा जहरा पर अमल करते हुए शादी व अन्य समारोह में फिजूलखर्ची रोकें। आज का मुसलमान फिजूलखर्ची करने में सबसे आगे है और शादी ब्याह में डीजे लगा पूरे मोहल्ले को परेशान करता है, जो इस्लामी तरीका नहीं है। ये बात सोमवार को मदरसा अशरफुल मदारिस गद्दियाना में आयोजित जश्न-ए-फातिमा जहरा में मौलाना हाशिम अशरफी ने कही।

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उन्होंने कहा कि मुसलमान सड़क पर बरात लेकर चलते हैं जिससे ट्रैफिक जाम रहता है। दहेज के चकाचौंध के चलते गरीब बेटियां बिन ब्याही बैठी हैं। इसलिए फिजूलखर्ची कतई न करें। बताया कि पैगंबर मोहम्मद साहब की सबसे छोटी बेटी जनाबे फातिमा जहरा को खातून-ए-जन्नत भी कहा जाता है। पैगंबर मोहम्मद साहब ने फरमाया है कि फातिमा मेरे जिगर का टुकड़ा है, जिसने उसको नाराज किया उसने मुझको नाराज किया। मौलाना ने कहा कि वह अपना काम खुद करती थी और उनके हाथों में काम करते करते छाले पड़ जाते थे। मौलाना मोहम्मद शोएब मिस्बाही, मोहम्मद शाह आजम बरकाती, मौलाना मोईनुद्दीन अशरफी, हाफिज नियाज अशरफी, हाफिज मिनहाज उद्दीन आदि ने विचार रखे।


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