पिता के कांधों पर सबसे बड़ा 'बोझ'
जागरण संवाददाता, कानपुर : जिन आंखों ने बेटों को इंजीनियर बनाने का सपना देखा था आज बेटों का शव देखकर
जागरण संवाददाता, कानपुर : जिन आंखों ने बेटों को इंजीनियर बनाने का सपना देखा था आज बेटों का शव देखकर वही आंखें रो-रोकर पथरा गई हैं। कल्याणपुर में नमक फैक्ट्री के पास सोमवार देररात बाइक सवार बीटेक छात्रों की सड़क हादसे में मौत के बाद परिजनों के आंसू नहीं थम रहे हैं। एक पिता के लिए इससे बड़ा बोझ क्या होगा कि उसे अपने जिगर के टुकड़े को अपने कांधों से श्मशान तक छोड़ना पड़ा।
मंगलवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।
बरेली के रूहेलखंड फाइक एनक्लेव में रहने वाले गफूर सिद्दीकी पशुपालन विभाग से रिटायर्ड लिपिक हैं। उनका बड़ा बेटा अफान छत्रपति शाहूजी महाराजपुर विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक ब्रांच से बीटेक फाइनल इयर का छात्र था। वहीं आजमगढ़ के शिक्षक देवेंद्र सिंह का बड़ा बेटा अमित सिंह यहीं से केमिकल ब्रांच से बीटेक फाइनल इयर में था। नमक फैक्ट्री के पास गलत दिशा से जाते समय अज्ञात वाहन की टक्कर से दोनों की मौत हो गयी। देर रात पुलिस ने दोनों परिवारों को उनके बेटों के मौत की सूचना तो कोहराम मच गया। अफान के भाई फैजान और अमान व अमित की मौत से भाई सुमित और टिक्कू का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।
मंगलवार सुबह अफान के जाजमऊ में रहने वाले रिश्तेदार मो. नादिर व अन्य परिजन पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। जहां अफान के पिता गफूर सिद्दीकी व अमित के बहनोई राजेश सिंह ने दोनों के शवों का पोस्टमार्टम न कराने के लिए प्रार्थना पत्र दिया। इंस्पेक्टर देवेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि परिजनों के कहने पर पंचायतनामा भरकर शव उनके सुपुर्द कर दिया गया।
क्या दर्ज कराएं रिपोर्ट, पुलिस पर भरोसा नहीं
बेटे की मौत से दुखी अफान के पिता मो. गफूर सिद्दीकी बोले आखिर रिपोर्ट दर्ज कराकर क्या करें। उनका बेटा तो दुनियां से चला गया। पुलिस मामले को दर्ज कर फाइल बनाकर बंद कर देगी। आरोपी को पकड़ने के लिये पुलिस अंधेरे में तीर चलाएगी। जिसके लिए उन्हें बरेली से कानपुर के चक्कर काटने होंगे।
फुटेज में नजर आई बोलेरो
परिजनों ने बताया कि जिस जगह हादसा हुआ था वहां कोचिंग सेंटर के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं जिसमें हादसा करने वाली बोलरो दिखी है। हालांकि वह दूर थी कि उसका नंबर स्पष्ट नहीं दिखा।