केस्को में बिलिंग फर्जीवाड़ा
कानपुर, जागरण संवाददाता : केस्को के अभियंता छापामारी के बाद संशोधन के नाम पर बिलों में हेरफेर कर रहे
कानपुर, जागरण संवाददाता : केस्को के अभियंता छापामारी के बाद संशोधन के नाम पर बिलों में हेरफेर कर रहे हैं। ऐसे ही एक मामले का खुलासा हुआ है। एक ही पते पर जारी दो कामर्शियल और घरेलू कनेक्शन के मीटर 'नो डिस्प्ले' मिलने के बाद जिम्मेदार अधिकारियों ने औने-पौने बिल जारी कर मामला निबटा दिया। लाखों रुपये का विद्युत बिल हजम करने के बाद पत्रावलियां छुपा दी गईं और टेस्ट खंड को बताए बिना नया मीटर लगवा दिया गया।
मामला दबा रहता लेकिन एक शिकायत को केस्को एमडी ने संज्ञान लिया तो खुलासा हो गया।
हैरिसगंज डिवीजन के अधिशासी अभियंता एसके लोहाट ने सहायक अभियंता केके सिंह तोमर से मामले में विस्तृत जांच रिपोर्ट तलब की है। मामले में हैरिसगंज खंड के शोधन पटल के जूनियर नोट ड्राफ्टर (जेएनडी) राजकुमार से स्पष्टीकरण मांगा गया है। उन्होंने तत्कालीन अधिशासी अभियंता ललित कृष्णा, तत्कालीन एई अशोक यादव, छापामार टीम व मीटर बदलने वाली कंपनी पर हेराफेरी के गंभीर आरोप लगाए हैं।
बता दें, सितंबर 2015 में प्रकरण को लेकर पत्राचार हुआ लेकिन अधिकारियों ने मामला दबा लिया। जांच अधिकारी सहायक अभियंता केके सिंह तोमर ने बताया कि जांच शुरू कर दी गई है। आवश्यक दस्तावेज मांगे गए हैं।
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ये है मामला
केस्को की छापामार टीम ने पांच अगस्त को 2/24 कृष्णा नगर स्थित आरके त्रिवेदी का दो किलोवाट कामर्शियल कनेक्शन, रश्मि त्रिवेदी के चार किलोवाट घरेलू और प्रकाश कुमार त्रिवेदी के चार किलोवाट के कामर्शियल कनेक्शन की चेकिंग की। यह तीनों मीटर नो डिस्प्ले दर्शा रहे थे। इनमें से किसी का बिल महीनों से तो किसी का सालों से नहीं जमा था। नियमों के तहत मीटरों की एमआरआई के बाद बिल बनाकर पैसा वसूला जाना चाहिए था।
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जेएनडी से मांगी जानकारी
- बिल संशोधन पटल में तैनाती वर्ष और आनलाइन बिलिंग करने वाली आईडी मिलने की तारीख
- बिल संशोधन या मीटर बदलने के लिए उपभोक्ताओं के आवेदन की छायाप्रति
- संशोधित बिल की पत्रावली की छायाप्रति
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छापामार टीम पर भी सवाल
- मीटर गड़बड़ था तो टेस्ट खंड से परीक्षण क्यों नहीं कराया।
- मीटर बदलने वाली कंपनी के विरूद्ध भी कार्रवाई की संस्तुति क्यों नहीं की
- मीटर में नो डिस्प्ले मिलने पर चेकिंग रिपोर्ट एक्सईएन कार्यालय में क्यों नहीं दी गई