हैलट में है तो सिर्फ अराजकता
केस एक : हैलट के मेडिसिन विभाग में दिमागी बुखार से पीड़ित मरीज कई दिनों से भर्ती है। परिजनों ने बताया
केस एक : हैलट के मेडिसिन विभाग में दिमागी बुखार से पीड़ित मरीज कई दिनों से भर्ती है। परिजनों ने बताया अस्पताल से दवा के नाम पर सिर्फ ग्लूकोज की बोतलें मिलती हैं। कई एंटीबायोटिक के साथ ही सेफ्ट्रियाक्जोन इंजेक्शन भी बाहर से मंगाया जा रहा है। यह इंजेक्शन अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। बावजूद इसके डॉक्टर मरीजों को बाहर से खरीदने के लिए मजबूर कर रहे हैं। यह इंजेक्शन बाहर 132 रुपये में मिल रहा है।
केस दो: हैलट के आर्थोपेडिक विभाग में संविदा पर कई वर्षो से कार्यरत डॉक्टर मरीजों से वसूली कर रहे हैं। जिन मरीजों की हड्डियां प्लास्टर से जुड़ सकती हैं, उन्हें भी इंप्लांट लगाने की सलाह देते हैं। विदेशी के नाम पर सस्ता इंप्लांट लगा रहे हैं। कुछ दिनों पहले कूल्हा बदलवाने आए अधेड़ से 70 हजार रुपये वसूले गए। आपरेशन के दौरान नस कटने से अधेड़ की मौत हो गई। सर्जरी के एक डॉक्टर का जूनियर डॉक्टरों को रोजाना टारगेट पूरा करने का स्पष्ट निर्देश है।
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कानपुर, जागरण संवाददाता : जीएसवीएम मेडिकल कालेज के लाला लाजपत राय चिकित्सालय (हैलट) में अराजकता चरम पर है। इलाज में लापरवाही से मरीज मर रहे हैं, वहीं इमरजेंसी, आईसीयू व वार्डो में दवाएं नहीं हैं। ऐसा लगता है कि मेट्रन, स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट से लेकर सीनियर व जूनियर डॉक्टरों को मरीजों से कोई लेनादेना नहीं है।
बोले जिम्मेदार
हैलट में व्यवस्था सुधार के लिए सभी विभागों में निरीक्षण किया जाएगा। अस्पताल में मरीजों के लिए पर्याप्त मात्रा में दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। मरीजों को अधिक समय देने के लिए डॉक्टरों को निर्देशित करेंगे। गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई भी की जाएगी।
- डॉ. नवनीत कुमार, प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कालेज।