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पॉवर तो बहुत मगर चाह कतई नहीं

कानपुर, जागरण संवाददाता : जिनके पास पॉवर है, वह जब खुद ही आंख में पट्टी बांधे हुए हैं तो भला हाईवे क

By Edited By: Published: Wed, 24 Aug 2016 01:00 AM (IST)Updated: Wed, 24 Aug 2016 01:00 AM (IST)
पॉवर तो बहुत मगर चाह कतई नहीं

कानपुर, जागरण संवाददाता : जिनके पास पॉवर है, वह जब खुद ही आंख में पट्टी बांधे हुए हैं तो भला हाईवे की सुरक्षा कौन करे। कानूनी कार्रवाई का अधिकार आरटीओ के पास है जबकि टोल से ओवरलोड वाहन न गुजरे, यह अधिकार एनएचएआई को दिए गए हैं। बावजूद इसके दोनों विभाग के जिम्मेदार अपने अधिकार भूल चुके हैं। सिर्फ प्राधिकरण चाह लें तो एक भी ओवरलोड वाहन राजमार्ग पर फर्राटा न भर पाएं।

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टोल पर होता खेल

हाईवे पर बने टोल में अमूमन एक ही तरह का खेल चल रहा है। होना यह चाहिए कि अगर ट्रक में मानक से अधिक लोड है तो उसे टोल पर ही खाली कराया जाए। जरूरत पड़े तो लोड के हिसाब से 10 गुना जुर्माना वसूलने की कार्रवाई की जाए। अमूमन हर टोल पर कुछ लोड ट्रक खड़े कर लिए जाते हैं। कार्रवाई से बचने के लिए टोल के जिम्मेदार सत्यापन करने वाले अफसर को वही वाहन दिखा देते हैं। अफसर भी सवाल-जवाब किए बिना कोई कार्रवाई नहीं करते।

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वेट मशीन बनीं शोपीस

नेशनल हाईवे पर स्थित टोल पर लगाए गई वेट मशीन फिलहाल शोपीस बनी हुई हैं। उन पर से भारी वाहनों को गुजारा ही नहीं जा रहा। सुविधा शुल्क लेकर इन ओवरलोड वाहनों को बेरोकटोक गुजारा जा रहा है, चूंकि ओवरलोड ट्रक सत्तापक्ष के दबंग नेताओं अथवा पूंजीपतियों के होते हैं, इसलिए टोल के जिम्मेदार उन पर कार्रवाई करने से कतराते हैं। यह बदहाली कानपुर-इलाहाबाद व कबरई रोड पर आसानी से देखी जा सकती है।

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एनएचएआई के अधिकार

- वाहन रोकने व उस पर लदे माल का वजन माप सकते हैं।

- ओवरलोड की दशा में ट्रक मालिक पर निर्धारित जुर्माना ठोंक सकते हैं।

- ट्रक खराब होने की दशा में हाईवे पर जैक लगाकर खड़ा करने से रोकना।

- हाईवे की जमीन की सुरक्षा और दूसरे कार्य के लिए एनओसी जारी करना।

- ओवरलोडिंग रोकने को स्थानीय प्रशासन से मदद लेना।

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सिक्के का दूसरा पहलू

भले ही ओवरलोडिंग रोकने के लिए एनएचएआई को कदम उठाने चाहिए, लेकिन सिक्के का दूसरा पहलू यह भी है कि विभाग में मैन पॉवर की कमी है। पीडी और मैनेजर के अलावा इंजीनियर्स से लेकर सभी पद संविदा पर रखे गए हैं, इनको वेतन एजेंसी देती है इसलिए वह कोई खतरा नहीं उठाते।

'एक तो करेला दूजा नीम'

राजमार्ग पर एक तो वाहन ओवरलोड चल रहे हैं, दूसरे कई डबल एक्सेल ट्रक ओवरलोड के बाद भी सिंगल या फिर डबल एक्सेल पर चलाए जा रहे हैं। इससे पूरा लोड सड़क पर आ रहा है, लिहाजा दोगुना लोड होने की स्थिति में राजमार्ग 16 गुना अधिक क्षतिग्रस्त हो रहा है।

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ओवरलोडिंग रोकने के लिए ज्यूडिशियल पॉवर आरटीओ के पास है, लेकिन वह अपना काम नहीं कर रहे हैं। पीडब्ल्यूडी सड़क बनाएं और उसकी सुरक्षा व ओवरलोडिंग वही रोके, भला यह कैसे संभव हो सकता है। वैसे जो अधिकार विभाग ने दिए हैं, उनका पूरा प्रयोग करने के लिए प्रयास होते हैं।

- नवीन चंद्र मिश्र, परियोजना निदेशक, एनएचएआई

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ओवरलोडिंग को लेकर लगातार अभियान चलाया जाता है। पिछले दिनों ही कार्रवाई कर कई ट्रक संचालकों से जुर्माना वसूला गया था।

- सुनीता वर्मा, आरटीओ प्रवर्तन


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