गुणवत्ता के लिए शिक्षा नीति में होगा बदलाव, पास फेल का बदलेगा पैटर्न
कानपुर, जागरण संवाददाता : शिक्षा नीति पर बड़े पैमाने पर बदलाव किए जाने की तैयारी चल रही है। आने वाले
कानपुर, जागरण संवाददाता : शिक्षा नीति पर बड़े पैमाने पर बदलाव किए जाने की तैयारी चल रही है। आने वाले समय में स्कूल से लेकर उच्च शिक्षण संस्थानों में यह बदलाव नजर आएगा। शैक्षिक गुणवत्ता को सुधारने के लिए स्कूली शिक्षा का स्तर बढ़ाए जाने की नीति बनाई जा रही है। अभी तक सरकारी स्कूलों में आठवीं तक पास किए जाने की अनिवार्यता पर भी इसका असर पड़ेगा। यह बातें आईआईटी के दीक्षा समारोह के दौरान नीति आयोग के उपाध्यक्ष प्रो. अरविंद पानगड़िया ने पत्रकारों से वार्ता के दौरान कहीं।
इस नई व्यवस्था से पास व फेल का पैटर्न बदल जाएगा। शिक्षा की यह नई व्यवस्था देशभर के स्कूलों में जल्द लागू की जा सकती है। स्कूली शिक्षा के अलावा उच्च शिक्षा में भी बदलाव किए जाने की योजना बनाई जा रही है। मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया व यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन समेत उच्च शिक्षा से जुड़े अन्य विभागों में भी यह बदलाव दिखाई देगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टॉप 10 पब्लिक व टॉप 10 प्राइवेट इंस्टीट्यूट को खड़ा किए जाएंगे। इसके लिए शिक्षा नीति में व्यापक बदलाव जरूरी हो गया है। जहां तक शिक्षा के लिए दिए जाने वाले अनुदान का सवाल है तो उसे भी बढ़ाए जाने पर विचार किया जा रहा है।
पंचवर्षीय योजना होगी बंद, 15 वर्षीय पर होगा काम :
प्रो. पानगड़िया ने बताया कि 12वीं पंचवर्षीय योजना चल रही है। यह अंतिम पंचवर्षीय योजना है। मोदी सरकार ने इसकी जगह 15 वर्षीय योजना शुरू करने का फैसला लिया है। जिसका खाका तैयार किया जा रहा है। नई नीति के अनुसार पंचवर्षीय योजनाओं के क्षेत्र में इजाफा करते हुए इसके एजेंडे में सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों के साथ रक्षा व आतरिक सुरक्षा जैसे मुद्दों को भी शामिल किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक तीन वर्ष में समीक्षा होगी।
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विकास की दर बढ़ने से खुले नौकरी के दरवाजे :
देश में विकास की दर बढ़ रही है।
सरकार के दो वर्षो के समय अंतराल में विकास दर आठ फीसद पार करने जा रहे हैं। विकास दर बढ़ने से नौकरी के दरवाजे खुल रहे हैं। आने वाले समय में विकास की दर और बढ़ेगी लेकिन दूसरे देशों की तुलना में अभी हम इसमें आगे नहीं हैं। इसके अलावा गरीबों का स्तर बेहतर करने के लिए नीति आयोग ने मनरेगा पर भी अपने सुझाव दिए हैं।
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किराए पर मकान देने पर नहीं रहेगा कब्जे का खतरा :
प्रो. पानगड़िया ने बताया कि अब किराए पर मकान देने में कब्जे का खतरा नहीं रहेगा। इसके लिए मॉडल लॉ लैंड लीजेस बनाया जा रहा है। इस मॉडल को राज्य सरकार लागू कर सकेंगी। इसके अंतर्गत अगर कोई अपना मकान किराए पर देकर विदेश चला जाता है तो इस मॉडल के जरिए उसका मकान ताउम्र सुरक्षित रहेगा।
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बंद मिलें भी होंगी शुरू
प्रो. पानगड़िया ने बताया कि देश भर की कई बंद मिलों को शुरू किए जाने की योजना के अंतर्गत व्यय किया जा रहा है। इसमें कानपुर की मिलें भी शामिल हैं।