Move to Jagran APP

आईआईटी ने डिग्री दी, दिग्गजों ने 'दीक्षा'

कानपुर, जागरण संवाददाता: कई साल की जीतोड़ मेहनत का फल आज देशभर के इन मेधावियों के हाथ में आईआईटी कानप

By Edited By: Published: Tue, 28 Jun 2016 07:03 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jun 2016 07:03 PM (IST)
आईआईटी ने डिग्री दी, दिग्गजों ने 'दीक्षा'

कानपुर, जागरण संवाददाता: कई साल की जीतोड़ मेहनत का फल आज देशभर के इन मेधावियों के हाथ में आईआईटी कानपुर की डिग्री के रूप में था। मगर, इसके साथ ही वह जिंदगी के ऐसे मोड़ पर आ खड़े हुए, जिसके आगे अपार संभावनाओं के साथ चुनौतियां भी होंगी। इससे आगे कदम कैसे बढ़ाए जाएं? इसकी दीक्षा गुरु की तरह मुख्य अतिथि नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगड़िया और आईआाईटी संचालक मंडल के अध्यक्ष आरसी भार्गव ने दी। यहां से डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि पाने वाले ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद ने भी अनुभव साझा किए।

loksabha election banner

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर के दो दिवसीय 49वें दीक्षा समारोह के दूसरे दिन 560 छात्र-छात्राओं को उपाधि दी गई। समारोह में युवाओं के प्रेरणास्त्रोत के रूप में विश्वविख्यात शतरंज खिलाड़ी ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद थे। उन्हें संस्थान ने डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि प्रदान की।

नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगड़िया ने मुख्य अभिभाषण में छात्रों से कहा कि जिंदगी कोई स्प्रिंट (तेज दौड़) नहीं, बल्कि मैराथन है। सफलता के पड़ाव आते रहेंगे, उन्हें पार करते आगे बढ़ते जाना है। उन्होंने कहा कि सिर्फ कठिन परिश्रम सफलता का आधार नहीं होता। कई बार परिश्रम से भी निराशा मिलती है, लेकिन उसका मतलब ये नहीं कि हम हार कर बैठ जाएं। इस बात को हमेशा जेहन में रखना कि जिंदगी बार-बार मौके देती है, उन्हें पहचान कर भुनाना आपको सीखना होगा। डॉ. पनगड़िया ने अपनी जिंदगी के संघर्ष भी छात्र-छात्राओं को सुनाए कि कैसे बहुत कम उम्र में ही उनके सिर से पिता का साया उठ गया। मां ने गरीबी में मेहनत कर पढ़ाने की कोशिश, लेकिन मुश्किलें आती रहीं। वह भी बीमारी से लड़ते-लड़ते साथ छोड़ गई। फिर मौसी ने पढ़ाया और इस तरह वह इस मुकाम तक पहुंचे।

आईआईटी कानपुर संचालक मंडल के अध्यक्ष और मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव का पूरा जोर मेक इन इंडिया पर था। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में उन्होंने कहा कि अब आप सभी देश के 'इंटलेक्चुअल एलीट' हो। आपने राष्ट्र के पैसे से बेहतर सुविधाएं और शिक्षा पाई है। आपको ये सोचना होगा कि कैसे अपनी बुद्धिमत्ता और शिक्षा के जरिए देश की सेवा की जाए। यह सिर्फ आपके लिए नहीं, बल्कि आने वाली पीढि़यों के हित में होगा। श्री भार्गव ने कहा कि आईआईटी जैसे संस्थानों और इंडस्ट्री के बीच बड़ी खाई है। यह खत्म होनी चाहिए। निश्चित रूप से मेक इन इंडिया का ख्वाब पूरा करने के लिए यही जरूरी कदम हैं। इससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे, जिनका लाभ देश के लाखों युवाओं को मिलेगा। श्री भार्गव ने सलाह दी कि देश के लिए भी काम करें। यहां की तकनीक और उत्पादों की गुणवत्ता पर काम करें, ताकि वह विश्व बाजार में प्रतिस्पर्धा कर सकें। मैन्युफैक्च¨रग सेक्टर में युवाओं के न जाने से यह कमजोर होता जा रहा है। इसे बढ़ाना होगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.