एनजीटी ने पूछा, शहर में कितनी जहरीली है हवा
कानपुर, जागरण संवाददाता: शहर की आबोहवा कितनी जहरीली है। कितने डीजल वाहन दौड़ रहे हैं। जहरीली हवा में
कानपुर, जागरण संवाददाता: शहर की आबोहवा कितनी जहरीली है। कितने डीजल वाहन दौड़ रहे हैं। जहरीली हवा में कितने लोग रह रहे हैं इसका विवरण एनजीटी ने मांगा है। अगले हफ्ते यह रिपोर्ट प्रदूषण नियंत्रण विभाग एनजीटी को भेजेगा।
शहर में खोदाई के कारण उड़ती धूल, डीजल वाहनों और जनरेटर से निकलने वाला धुआं हवा को प्रदूषित कर रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों के मुताबिक प्रदूषण की मात्रा (पीएम 10) 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर होनी चाहिये पर अप्रैल के आंकड़े में तो यह बहुत ही ज्यादा है। एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से शहर की आबादी के घनत्व, वाहनों के घनत्व, प्रदूषण का स्तर आदि का ब्योरा मांगा है तो आंकड़े जुटाए जा रहे हैं। रिपोर्ट एक जून को भेजी जानी है तब तक मई माह के वायु प्रदूषण का पूरा आंकड़ा भी आ जाएगा। साथ ही कुल पंजीकृत वाहनों की डिटेल भी संभागीय परिवहन अधिकारी उपलब्ध करा देंगे। किस क्षेत्र की कितनी आबादी है इसका आंकड़ा भी अर्थ एवं संख्या विभाग दे देगा। संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय से जुड़े सूत्रों की मानें तो शहर में करीब 12 हजार ट्रक, डीजल से चलने वाली डेढ़ सौ बसें और करीब 25 हजार कारें हैं।
यह है प्रदूषण की स्थिति
माह (अप्रैंल)
स्थान प्रदूषण की मात्रा
किदवई नगर 254.90
जरीब चौकी 373.8
आवास विकास 246.28
शास्त्री नगर 227.84
पनकी 295.23
(प्रदूषण की मात्रा माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर में)
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''वाहनों का आंकड़ा परिवहन विभाग से मांगा है। जल्द ही यह उपलब्ध हो जाएगा। एनजीटी ने जो भी विवरण मांगा है उसे भेज देंगे। - डा. मोहम्मद सिकंदर, क्षेत्रीय अधिकारी पीसीबी