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मॉडर्न सिटी के लिए भूमि का पुन‌र्ग्रहण पड़ेगा भारी

कानपुर, जागरण संवाददाता: गंगा बैराज पर प्रस्तावित मॉडर्न सिटी हो या फिर सुरार गांव में प्रस्तावित स्

By Edited By: Published: Sat, 28 Nov 2015 02:51 AM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2015 02:51 AM (IST)
मॉडर्न सिटी के लिए भूमि का पुन‌र्ग्रहण पड़ेगा भारी

कानपुर, जागरण संवाददाता: गंगा बैराज पर प्रस्तावित मॉडर्न सिटी हो या फिर सुरार गांव में प्रस्तावित स्पीच एंड हिय¨रग संस्थान। इनकी स्थापना के लिए ग्राम समाज की भूमि लेना (पुन‌र्ग्रहण करना) आसान नहीं होगा क्योंकि राजस्व विभाग ने ग्राम समाज, सीलिंग की भूमि व अन्य सरकारी भूमि के पुन‌र्ग्रहण दर को महंगा कर दिया है।

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अब व्यावसायिक गतिविधि करने वाले विभागों चाहे केडीए हों या फिर यूपीएसआईडीसी, लघु उद्योग निगम, आवास विकास परिषद, वैकल्पिक ऊर्जा विभाग और केंद्र सरकार के किसी भी विभागों द्वारा यदि ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी भूमि का पुन‌र्ग्रहण कराते हैं तो फिर राजस्व विभाग इन विभागों से सर्किल रेट या बाजार दर में जो अधिक होगा उसका चार गुना लेगा, जबकि शहरी क्षेत्र में दोगुना राशि ली जाएगी। यही नियम व्यावसायिक गतिविधि करने वाले अन्य सरकारी उपक्रमों, कंपनियों, औद्योगिक समूहों, बिल्डरों पर भी लागू होगा। इस नियम के प्रभावी होने के बाद शहर की परियोजना पर नजर डालें तो कई परियोजनाएं प्रभावित हो सकती हैं। इसमें सबसे बड़ी परियोजना है केडीए की मॉडर्न सिटी। बैराज पर 11 सौ हेक्टेयर में प्रस्तावित सिटी में ग्राम समाज की करीब सौ एकड़ भूमि ली जानी है हालांकि अभी केडीए ने पुनर्ग्रहण का प्रस्ताव नहीं दिया है, जब देगा तो राजस्व विभाग उनसे नई दर के अनुरूप भूमि की कीमत वसूलेगा, जबकि अभी तक सिर्फ सर्किल रेट के अनुरूप ही भूमि की कीमत अदा होती थी इससे परियोजनाओं की लागत भी नहीं बढ़ती थी। इसी तरह रमईपुर में मेगा लेदर क्लस्टर की स्थापना की जानी है यहां भी ग्राम समाज की भूमि का पुनर्ग्रहण किया जा रहा है। अगर यह प्रक्रिया 20 नवंबर से पहले पूरी हो जाती तो उद्यमियों को सिर्फ सर्किल रेट जितना है उतना ही ही रुपये प्रति बीघा की दर से अदा करना होता, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र होने के नाते उनसे सर्किल रेट या बाजार दर में जो अधिक होगा उसका चार गुना रुपया लिया जाएगा। इसी तरह केंद्रीय परिवार कल्याण मंत्रालय सुरार गांव में मूक बधिर छात्रों के लिए आईआईटी की तरह ही संस्थान की स्थापना करने की तैयारी कर रहा है। वैसे तो मंत्रालय ने नि:शुल्क भूमि मांगी है, लेकिन नये शासनादेश के आने के बाद अब शुल्क अदा करना ही होगा। चकेरी एयरपोर्ट के विस्तार के लिए भी ग्राम समाज की भूमि ली जा रही है एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को अभी तक सिर्फ किसानों की भूमि का मुआवजा देना था, लेकिन अब ग्राम समाज की भूमि का भी शुल्क अदा करना होगा।


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