ऊर्जा राहत के लिए एनओसी का इंतजार
कानपुर, जागरण संवाददाता : ऊर्जा राहत की फाइल को पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी का इंतजार है। हर ओर से ह
कानपुर, जागरण संवाददाता : ऊर्जा राहत की फाइल को पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी का इंतजार है। हर ओर से हरी झंडी मिलने के बाद फाइल मंत्रालय के पाले में गई है। अफसरों की मानें तो उस पर मंथन चल रहा है, जल्द ही इस पर फैसला होने की उम्मीद जगी है। पॉवर प्लांट में 660 मेगावाट की अतिरिक्त यूनिट लगाने की मंशा से 21 अगस्त को जन सुनवाई पूरी की गई। प्लांट लगने से संभावित दिक्कतों को दूर करने की बात अफसरों ने कही थी, चार दिन पूर्व रिपोर्ट भी पर्यावरण मंत्रालय को भेज दी गई है। महाप्रबंधक अनुपम अग्रवाल ने बताया कि रिपोर्ट भेजी गई है लेकिन अभी तक एनओसी के संबंध में कोई फाइनल निर्णय नहीं हो सका है।
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खास बातें ..
इकाई : 01
क्षमता : 660 मेगावाट
लागत : 4720 करोड़
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पर्यावरण की शर्तो को करना होगा अनुपालन : प्लांट के ब्वायलर में करीब ढाई सौ टन पानी की जरूरत पड़ती है, इसे आयेदिन बदल दिया जाता है। चिमनी से धुआं 150 एसपीएम (सस्पेंडेड पर मॉलीक्यूल) से ज्यादा नहीं निकलना नहीं चाहिए, मगर यह धुआं 270 एसपीएम के आसपास निकल रहा है। पर्यावरण मंत्रालय ने साफ कहा है कि ब्वायलर में पानी को रीसर्कुलेट करके इस्तेमाल हो, प्रयास हो कि उसे बदला न जाए। जरूरी भी हो तो पांच फीसद पानी ही बदला जाए, यदि ऐसा हो गया तो पानी की कम बर्बादी होगी। राख का सही निस्तारण करने पर जोर दें और पौधरोपण करके पर्यावरण को सुरक्षित करने की दिशा में कदम उठाएं।
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यहां से मिल चुकी एनओसी : चार माह पहले ही एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया के बाद आईआईटी, पुरातत्व विभाग व वन विभाग नई इकाई स्थापित करने के लिए पहले ही अनापत्ति प्रमाणपत्र दे चुका है। अब फाइल पर्यावरण मंत्रालय के पाले में गई है, अगर यहां से भी एनओसी मिल जाए तो इतने बड़े ऊर्जा राहत के प्रोजेक्ट को परवाज मिल सके।
4720 करोड़ की लागत : नए प्लांट के निर्माण के लिए 4720 करोड़ रुपये की लागत आएगी, यह धनराशि बहुत जल्द ही आवंटित होने वाली है, आवंटन के बाद ही आगे की कार्रवाई चालू कर दी जाएगी।