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(प्रमुख सचिव 01) विकास में कोताही, आंकड़ों की गवाही

संग्राम सिंह, कानपुर महानगर के विकास को लेकर अफसर गंभीर नहीं हैं। मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाले 7

By Edited By: Published: Mon, 27 Jul 2015 08:45 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jul 2015 08:45 PM (IST)
(प्रमुख सचिव 01) विकास में कोताही, आंकड़ों की गवाही

संग्राम सिंह, कानपुर

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महानगर के विकास को लेकर अफसर गंभीर नहीं हैं। मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाले 75 विकास कार्यक्रमों की रैकिंग में कानपुर की 'नाक' कट गई है। कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग ने 26 विकास कार्यक्रमों में 'शून्य' दिए हैं। रैंकिंग सूची में सिर्फ 28 विकास कार्यक्रम ही ऐसे हैं, जिनमें अफसरों ने कुछ किया है। कई सरकारी योजनाएं दम तोड़ चुकी हैं। कानपुर को डी ग्रेड में डाल दिया गया है, इसके लिए जिम्मेदार अफसरों से जवाब मांगा गया है। अफसर दूसरे जिलों से ज्यादा नंबर करने के लिए फर्जी रिपोर्टिग करने की सलाह दे रहे हैं लेकिन यह भी स्वीकार रहे हैं कि अभी सुधार की गुंजाइश है क्योंकि विकास में की गई कोताही की गवाही खुद सरकारी आंकड़े दे रहे हैं।

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इन योजनाओं पर कुछ काम नहीं

सरकारी योजनाएं राज्य में शहर में

कुक्कुट विकास 51.09 00

पुस्तक वितरण 7.43 00

अस्पताल निर्माण 12.86 00

समाजवादी पेंशन 38.67 00

पेयजल मिशन 09.0 00

राजीव आवास 06.42 00

पौधरोपण 03.72 00

आसरा आवास 06.87 00

(नोट: आंकड़े प्रतिशत में)

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किसका, कितना फीसद काम पूरा

योजनाएं राज्य में शहर में

आम आदमी बीमा 69.6 30

नगर निकाय वसूली 14.99 4.43

मुख्य देय वसूली 69.25 11.21

पारदर्शी किसान 102.67 --

कोर रोड नेटवर्क 56.97 00

अस्पताल निर्माण 69.05 36.36

राशनकार्ड वितरण 53.08 24.01

एनआरएलएम 45.08 09

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लोहिया गांव में भी बदहाली

वित्तीय वर्ष 2015-16 में चयनित लोहिया समग्र गांवों में भी योजनाएं मुंह के बल ढेर हो गई हैं। सीसी रोड, पेयजल, आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण, वैकल्पिक मार्ग प्रकाश, शौचालय, विद्युतीकरण, सम्पर्क मार्ग निर्माण, आंगनबाड़ी केंद्र निर्माण व आवास निर्माण, महिला समूह के गठन में कोई काम नहीं मिला।

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ये योजनाएं कब होंगी शुरू

किसान बाजार, एकीकृत बागवानी मिशन, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति, राष्ट्रीय खाद्य प्रसंस्करण मिशन, जेएनएनयूआरएम के तहत पेयजल, सीवरेज, ड्रेनेज प्रोजेक्ट व शहरी आजीविका मिशन का काम अभी शुरू होना बाकी है।

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क्या कहते अधिकारी

कई योजनाओं में प्रशासन की लापरवाही सामने आई है। यदि वास्तव में काम होता तो इसमें दो राय नहीं कि सूबे में कानपुर की पोजीशन काफी बेहतर होती।

- डा. रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव, कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग


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