बाहरी छात्र पढ़ते मिले तो नपेंगे इंजीनिय¨रग कालेज
कानपुर, जागरण संवाददाता : सीटें न भरने पर सहयोगी इंजीनिय¨रग कालेजों से मिलकर दूसरे कालेजों के छात्रो
कानपुर, जागरण संवाददाता : सीटें न भरने पर सहयोगी इंजीनिय¨रग कालेजों से मिलकर दूसरे कालेजों के छात्रों को पढ़ाने का फर्जीवाड़े करने वाले कालेजों पर उप्र.प्राविधिक विश्वविद्यालय (यूपीटीयू) शिकंजा कसने जा रहा है। पकड़े गए कालेजों पर कार्रवाई होगी।
यूपीटीयू से संबद्ध इंजीनिय¨रग कालेजों में प्रवेश प्रक्रिया लगभग पूरी होने वाली है। पांच अगस्त को विशेष काउंसलिंग होनी है परंतु 31 जुलाई से स्नातक व परास्नातक का सत्र शुरू हो जाएगा। इस बीच कालेजों में खाली रह गई सीटों की तस्वीर भी आ जाएगी। निजी कालेजों के प्रबंधतंत्रों को 15 अगस्त से पूर्व खाली रह गईं यानि लैप्स सीटों को भरने की छूट होगी। इसके बाद कालेजों में पढ़ाई पर जोर रहेगा। पिछले कुछ सालों से विश्वविद्यालय को शिकायतें मिल रही हैं कि कुछ कालेज जिनकी सीटें कम भरती हैं, वे अपने छात्रों को दूसरे कालेजों में बैठाकर पढ़ाई पूरी कराते हैं। इसके एवज में छात्रों को शुल्क में छूट या कुछ सुविधाएं भी दी जाती हैं। विश्वविद्यालय इस पर रोक लगाने की तैयारी में है।
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क्या है फर्जीवाड़ा
यूपीटीयू से प्रदेश भर में कई ऐसे शिक्षा संस्थान जुड़े हैं जिनके दो या दो से अधिक कालेज संचालित हैं। कई कालेजों के तो परिसर ही अगल-बगल हैं। इधर कुछ सालों से विभिन्न पाठ्यक्रमों में तमाम कालेजों की सीटें बहुत कम भर पा रही हैं। ऐसे में आसपास के कालेज समझौता करके अपने छात्र एक दूसरे को पढ़ाने के लिए दे देते हैं। एक ही संस्थान के कालेजों के लिए तो यह व्यवस्था बहुत ही कारगर साबित हो रही है। उदाहरण के लिए किसी पाठ्यक्रम की 60 सीटों में 30 सीटें भरी हैं और दूसरे कालेज की 35 सीटें भरी हैं तो ये 65 छात्र एक ही कालेज की एक ही कक्षा में पढ़ाए जाते हैं।
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कालेजों को लाभ
इस प्रक्रिया से कालेजों का लैब का खर्च, शिक्षकों व अन्य स्टाफ का वेतन, इंटरनेट, बिजली, इंफ्रास्ट्रक्चर के मेंटीनेंस व्यय को मिलाकर लाखों की बचत होती है। दोनों कालेजों के छात्रों का रिकार्ड अलग-अलग तैयार होता रहता है और पढ़ाई एक में। उधर यदि दोनों कालेजों के छात्रों की संख्या एक कालेज के लिए तय सीटों से अधिक हो जाती है तो छात्रों को पढ़ाई प्रभावित होती है। शिक्षकों को 60 के बजाय उससे अधिक छात्रों की चिंता करनी पड़ती है। उन पर कार्यभार बढ़ता है।
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विश्वविद्यालय की तैयारी
कुलपति की मानें तो इसे रोकने को विश्वविद्यालय ने कालेजों के औचक निरीक्षण की तैयारी की है। विशेषज्ञ कक्षाओं में छात्रों की उपस्थिति व उनका भौतिक सत्यापन करेंगे। उनका मिलान सीट एलाटमेंट रिकार्ड से किया जाएगा। इससे दूसरे कालेज के छात्र पकड़ में आ जाएंगे।
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''दूसरे कालेजों के विद्यार्थियों को शामिल करके पढ़ाई कराना नियम विरुद्ध है। नये सत्र से इस पर नजर रखी जाएगी। निरीक्षण रिपोर्ट में फर्जीवाड़ा मिलने पर सख्त कार्रवाई होगी। संबद्धता व मान्यता निरस्तीकरण भी संभव है।'' - प्रो. ओंकार सिंह, कुलपति यूपीटीयू