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एचबीटीआई का नया नाम होगा एचबीटीयू

कानपुर, जागरण संवाददाता: देश के सर्वोच्च इंजीनिय¨रग संस्थानों की सूची में शामिल एचबीटीआई (हरकोर्ट बट

By Edited By: Published: Wed, 10 Jun 2015 01:16 AM (IST)Updated: Wed, 10 Jun 2015 01:16 AM (IST)
एचबीटीआई का नया नाम होगा एचबीटीयू

कानपुर, जागरण संवाददाता: देश के सर्वोच्च इंजीनिय¨रग संस्थानों की सूची में शामिल एचबीटीआई (हरकोर्ट बटलर प्रौद्योगिकी संस्थान) को जल्द ही उसके नये नाम एचबीटीयू से जाना जाएगा। वह इसलिये क्योंकि एचबीटीआई जल्दी ही विश्वविद्यालय में परिवर्तित होने जा रहा है। यह जानकारी प्रदेश की प्राविधिक शिक्षा सचिव मोनिका एस गर्ग ने दी।

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मंगलवार को एचबीटीआई में आयोजित दो दिवसीय राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मेलन में शिरकत करने आईं मोनिका एस गर्ग ने पत्रकारों से कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एचबीटीआई को विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय बनाने के साथ ही मल्टी डिस्प्लेनरी (इंजीनिय¨रग, मैनेजमेंट आदि), आवासीय, नॉन एफिलिएटेड विश्वविद्यालय बनाने की तैयारी है। इसके लिए नये कोर्स, इक्विपमेंट, फैकल्टी, इंस्ट्रूमेंट्स, लैब, इंफ्रास्ट्रक्चर आदि के लिए डीपीआर बनाने के लिए कहा गया है। विश्वविद्यालय बनने के बाद फैकल्टी, पदोन्नति आदि की जो समस्याएं हैं वे दूर हो जाएंगी। पॉलीटेक्निक में सेमेस्टर व्यवस्था इसी वर्ष से लागू हो जाएगी। साथ ही वर्चुअल क्लास रूम की भी स्थापना हो रही है। जिसके लिए गाजियाबाद और इलाहाबाद में स्टूडियो बनाया जा रहा है। यहां एक स्थान पर पढ़ाने वाले प्रोफेसर का संदेश 13 स्थानों पर दिखाई देगा।

एचबीटीआई में बीते सप्ताह हुए अग्निकांड और पॉलीटेक्निक के प्रधानाचार्य एफआर खान पर लगे आरोपों के मामले पर उन्होंने कहा कि जांच चल रही है जल्द ही स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।

पॉलीटेक्निक में हुए फीस घोटाले के बारे में उन्होंने कहा कि इस संबध में कोई जानकारी नहीं है लेकिन यह गंभीर बात है। असलियत जानने के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

इंडस्ट्री के लायक तैयार होंगे छात्र

कानपुर: तकनीकी संस्थानों में किताबी कीड़ा बनाने वाली पढ़ाई नहीं बल्कि इंडस्ट्री में काम आने वाली पढ़ाई कराई जानी चाहिए। एचबीटीआई में दो दिन चले सेमिनार में वक्ताओं ने इस बात पर सर्वाधिक जोर दिया।

वक्ताओं का कहना था कि औद्योगिक आवश्यकता के हिसाब से पाठ्यक्रम में परिवर्तन किया जाए। संगोष्ठी के बाद सात तकनीकी विश्वविद्यालयों में कार्यशालाओं का आयोजन होगा। एचबीटीआई के निदेशक डा. एके नागपाल ने बताया कि बुधवार और गुरुवार को एचबीटीआई के केमिकल इंजीनिय¨रग संस्थान में कार्यशाला होगी। जिसमें विभिन्न उद्योगों से जुड़े हुए जानकार शामिल होंगे। मंगलवार को सेमिनार में सुल्तानपुर, बुंदेलखंड, झांसी के तकनीकी संस्थानों के निदेशक व भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान नई दिल्ली, राजीव गंाधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल, दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय आदि से आए वक्ताओं ने अपने शोध पत्र पढ़े।

डीएमएसआरडीई और यूपीटीटीआई में अनुबंध

कानपुर: दो दिवसीय सेमिनार के बाद एचबीटीआई के मीटिंग हाल में उत्तर प्रदेश वस्त्र प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर और डीएमएसआरडीई के मध्य एक अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर हुए। प्राविधिक शिक्षा की प्रमुख सचिव मोनिका एस गर्ग ने बताया कि इस अनुबंध के होने से अब डीएमएसआरडीई यूपीटीटीआई के संसाधनों का उपयोग कर सकेगा, डीएमएसआरडीई के वैज्ञानिक यूपीटीटीआई में पढ़ाने और ज्ञान संवर्धन देने जाएंगे। यूपीटीटीआई के छात्र डीएमएसआरडीई में शोध करने के लिए जा सकेंगे। अनुबंध पत्र पर यूपीटीटीआई के निदेशक डा. दिनेश बाबू शाक्यवार और डीएमएसआरडीई के निदेशक डा. एके सक्सेना के स्थान पर सीनियर साइंटिस्ट डा. अनुराग श्रीवास्तव ने हस्ताक्षर किये।


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