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इस तरह मिली कामयाबी की मंजिल

कानपुर, जागरण संवाददाता : सीबीएसई 12वीं की परीक्षा में मेधावियों की कामयाबी के पीछे किसी न किसी क

By Edited By: Published: Tue, 26 May 2015 01:40 AM (IST)Updated: Tue, 26 May 2015 06:44 AM (IST)
इस तरह मिली कामयाबी की मंजिल

कानपुर, जागरण संवाददाता :

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सीबीएसई 12वीं की परीक्षा में मेधावियों की कामयाबी के पीछे किसी न किसी की प्रेरणा छिपी रही। स्कूल टापर बनने वाले छात्र-छात्राओं ने खुलकर बताया कि कौन उनकी इस सफलता का रोल मॉडल रहा। किसी को वैज्ञानिकों की आत्मकथा से प्रेरणा मिली, तो कोई परिवार या स्कूल से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित हुआ।

वैज्ञानिकों ने दिखाया रास्ता

सुभाष पब्लिक सीनियर सेकेंड्री स्कूल के छात्र हर्षित गुप्ता के लिए देश के वैज्ञानिक आर वेंकटरमण, होमी जहांगीर भाभा व हरगोविंद खुराना की आत्मकथा प्रेरणाश्रोत रही। आगे बढ़ने के लिए इन वैज्ञानिकों की सफलता से उन्हें बल मिला। 97 फीसद अंकों के साथ 12वीं (विज्ञान वर्ग) की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले मेधावी हर्षित का चयन किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना में भी हुआ है। रसायन विज्ञान में सौ फीसद अंक प्राप्त करने वाले हर्षित वर्तमान में कोटा में मेडिकल की प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। हर्षित के पिता आरके गुप्ता इंटर कालेज में प्रधानाचार्य हैं।

शिक्षकों ने किया मार्गदर्शन

पूर्णचंद्र विद्या निकेतन के छात्र हर्ष मिश्रा के लिए स्कूल के शिक्षक प्रेरणाश्रोत रहे। कामर्स में 97 फीसद अंकों के साथ 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्र ने शिक्षकों के दिशा निर्देश में खुद को तैयार किया। सीए बनने की ख्वाहिश रखने वाले इस स्कूल टॉपर ने बिजनेस स्टडीज में सौ फीसद अंक हासिल किए हैं।

बड़ा भाई रहा प्रेरणाश्रोत

केडीएमए स्कूल के टॉपर अनीश कुमार के प्रेरणाश्रोत उनके भाई हैं। एनआईटी सिलचर से इंजीनिय¨रग कर रहे बड़े भाई आशीष को देखकर उन्हें भी कुछ कर दिखाने की प्रेरणा मिली। 12वीं परीक्षा में 95.2 फीसद अंक पाने वाले अनीश ने यूपीटीयू की राज्य प्रवेश परीक्षा में 86वीं रैंक (ओबीसी) हासिल की है। अब उन्हें आईआईटी एडवांस के परीक्षा परिणाम का इंतजार है।

अब्दुल कलाम ने किया प्रेरित

द र्गाप्रसाद विद्या निकेतन के विज्ञान वर्ग के टॉपर अनुपम पाल के प्रेरणाश्रोत वैज्ञानिक व पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम रहे। वह उन्हीं की तरह वैज्ञानिक बनने की चाहत रखते हैं। उन्होंने डा. कलाम की आत्मकथा पढ़ी जिसके बाद अपनी सफलता के लिए संघर्ष करने की प्रेरणा मिली। 93 फीसद अंकों के साथ 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अनुपम आईआईटी मेन्स में सफलता प्राप्त कर चुके हैं।


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