आचमन कर बोलेंगे नमामि गंगे
कानपुर, जागरण संवाददाता: पतित पावनी गंगा को उसके पुराने वैभव और सम्मान को दिलाते हुए धारा को अविरल-न
कानपुर, जागरण संवाददाता: पतित पावनी गंगा को उसके पुराने वैभव और सम्मान को दिलाते हुए धारा को अविरल-निर्मल करने की योजना बन गई है। वह दिन दूर नहीं जब लोग घाट पर जाकर आचमन के लिए अंजुरि गंगाजल भरकर बोलेंगे 'नमामि गंगे'।
गंगा में गिर रहे नालों को ट्रीट करने के लिए नेशनल गंगा रिवर बेसिन प्राधिकरण (एनजीआरबी) के तहत खाका तैयार हो रहा है जिसमें बिठूर से जाजमऊ तक का हिस्सा शामिल किया गया है। कार्ययोजना बनाने के बाद अब उसे धरातल पर लाने की तैयारी की जा रही है। इस परियोजना को लेकर केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती की चिंता इसी बात से दिखती है कि वह दो बार यहां आकर गंगा में गिर रहे नालों का निरीक्षण कर चुकी हैं। उन्होंने संबंधित विभागों को इसके बारे में खाका बनाने का निर्देश दिया। एनजीआरबी के तहत पहला प्रोजेक्ट 383 करोड़ रुपये का है जिसे केंद्र व विश्वबैंक ने स्वीकृति दे दी है। इस्टीमेट तैयार होने के बाद अब टेंडर प्रक्रिया होनी है। इसमें 35 वार्डो में नयी सीवर लाइन डाली जाएगी। वहीं बिठूर में गिर रही गंगा को शुद्ध करने के लिए 62 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। इसके टेंडर की भी तिथि तय होनी है। नवंबर माह से दोनों परियोजनाएं काम शुरु कर देंगी।